अगरतला : पुलिस लॉकअप में मंगलवार रात एक फोटो- पत्रकार को प्रताड़ित करने के आरोप में एक पुलिस अधिकारी को बुधवार को निलंबित कर दिया गया. अधिकारी घटना की जांच कर रहे हैं. सत्तारूढ़ भाजपा, विपक्षी माकपा, कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस और अन्य दलों ने पुलिस कार्रवाई की कड़ी आलोचना की और आरोपियों के लिए कड़ी सजा की मांग की.
अगरतला प्रेस क्लब के अध्यक्ष सुबल कुमार डे और सचिव प्रणब सरकार के नेतृत्व में वरिष्ठ संपादकों और पत्रकारों ने बुधवार सुबह से पूर्वी अगरतला थाने और पुलिस मुख्यालय के सामने आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया.
सरकार ने कहा कि फोटो-पत्रकार निताई डे को मंगलवार को एक 'फर्जी मामले और झूठे आरोप' पर हिरासत में लिया गया था और पूर्वी अगरतला पुलिस थाने के लॉक अप में प्रताड़ित किया गया था. सरकार ने कहा, "पुलिस की कार्रवाई पूरी तरह से अस्वीकार्य है. पुलिस प्राधिकरण ने पुलिस उप-निरीक्षक अरिंदम रॉय को निलंबित कर दिया है. अब हम अपनी अगली कार्रवाई तय करने के लिए एक बैठक करेंगे."
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. माकपा के राज्य सचिव जितेंद्र चौधरी ने आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के चार साल से अधिक समय पहले सत्ता संभालने के बाद शुरू हुई अराजकता और अलोकतांत्रिक गतिविधियां अभी भी जारी हैं. तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि मंगलवार की घटना भाजपा नेतृत्व वाली सरकार द्वारा लोकतंत्र का गला घोंटने का एक और प्रयास है. भाजपा प्रवक्ता नबेंदु भट्टाचार्जी ने घटना की निंदा की और दोषी पुलिसकर्मियों के लिए सजा और घटना की गहन जांच की मांग की.