मुंबई :काेराेना संक्रमण में अब ट्रिपल म्यूटेंट वैरिएंट देखने काे मिल रहा है. ऐसे मामले महाराष्ट्र सहित देश के विभिन्न राज्यों में देखने काे मिल रहे हैं. जहां देश महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है ऐसे में इस ट्रिपल म्यूटेंट के मामले निश्चत ताैर पर चिंता का विषय है. विशेषज्ञों ने पहले की काेराेना वायरस की म्यूटेंट की तुलना में इसके अधिक घातक हाेने की चेतावनी दी है.
इसे भी पढ़ें: वायराेलॉजिस्ट डॉ. गगनदीप कांग ने कहा, काेराेना नियमाें का पालन बेहद जरूरी
सबसे पहले ब्रिटेन और ब्राजील के बाद भारत में डबल म्यूटेंट के मामले देखने काे मिले थे.अब राज्य से एकत्र किए गए नमूनों में ट्रिपल म्यूटेंट देखने काे मिल रहे हैं. इसका मतलब कोविड -19 वायरस के आरएनए में तीन प्रकार का बदलाव आया है.
वैज्ञानिक कहते हैं कि यह गंभीर चिंता का विषय है क्योंकि ट्रिपल म्यूटेंट बहुत तेजी से फैलता है और यह नाक व मुंह के माध्यम से फेफड़ों में प्रवेश करता है और इसे संक्रमित कर देता है. जब तक मरीज को इसका एहसास हाेता है कि वह संक्रमित है उसकी हालत ज्यादा खराब हाे जाती है.
कई देशों में 2020 में ही ट्रिपल म्यूटेंट के केस पाए गए थे
विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रिपल वेरिएंट देश में हाल ही में देखने काे मिला है जबकि कई देशों ने अप्रैल 2020 में ही रोगियों में इसका पता लगाने की काेशिश की थी. इनमें यूएसए, सिंगापुर, फिनलैंड आदि शामिल हैं। डॉ. संजय लोंढे ने कहा कि प्रत्येक वायरस में समय-समय पर बदलाव हाेता रहता है, इसके आकार, रंग, आनुवंशिक प्रभावित होते हैं. कोरोना वायरस कोई अपवाद नहीं है. उन्हाेंने कहा कि ट्रिपल वेरिएंट बहुत खतरनाक है.
तीन दिन में बिगड़ जाती है हालत
पहले का कोविड -19 वायरस इतना घातक नहीं था और यह बहुत तेजी से फैलता भी नहीं था. हालांकि, दूसरी लहर के दौरान यह अधिक खतरनाक है और अधिक लोगों को अपनी चपेट में ले लिया. इसके बाद विभिन्न वेरिएंट हुए. डबल और ट्रिपल म्यूटेशन ने पूरी दुनिया के लोगों को प्रभावित किया. अब ट्रिपल म्यूटेंट भारत में भी पाया गया है.
पहली लहर के दौरान, वायरस सबसे पहले मुंह और नाक को ही कुछ समय तक प्रभावित करता था. तीन दिनों के बाद ही यह फेफड़ों में प्रवेश कर और अन्य अंगों को प्रभावित करता था. लक्षण 5-8 दिनों के बाद दिखाई देते थे. इसलिए मरीजों को गंभीर स्थिति में आने में समय लगता था. लेकिन नई लहर में जान काे खतरा ज्यादा है. डॉ. लोंढे ने कहा कि अगर परिवार का कोई एक सदस्य संक्रमित हो जाता है तो बहुत जल्द पूरा परिवार संक्रमित हाे जाता है.
उन्हाेंने कहा, ट्रिपल म्यूटेंट कहीं अधिक गंभीर है क्योंकि यह सीधे फेफड़ों पर हमला कर रहा है और तेजी से अन्य अंगों में फैल जाता है. थकावट और बुखार जैसे शुरुआती लक्षणों के बाद रोगी की हालत तीसरे या चौथे दिन ही बिगड़ जाती है और उसे आईसीयू में भर्ती होने की आवश्यकता होती है.
डबल मास्क पहनें
डबल और ट्रिपल म्यूटेंट के लक्षण समान हैं. दोनों स्थितियों में रोगियों को सर्दी, खांसी, बुखार, थकावट का अनुभव होता है. लेकिन अब लक्षणों में उल्टी, आंखों के लाल होने, सुनने में परेशानी, जीभ का सफेद होना आदि शामिल हैं.
डॉक्टरों का कहना है कि घबराएं नहीं, बल्कि सावधानी बरतें. लक्षण दिखाई देने पर तुरंत कोविड टेस्ट करवाएं और स्थिति खराब होने से पहले डॉक्टर से सलाह लें. विशेषज्ञों ने कहा कि अगर मरीज को समय पर इलाज मिल जाता है तो यह ठीक है.