नई दिल्ली : यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के वार्ता समर्थक धड़े और केंद्र एवं असम सरकारों के बीच शुक्रवार को एक त्रिपक्षीय शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे ताकि इस पूर्वोत्तर राज्य में दशकों पुराने उग्रवाद का अंत हो सके. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. शांति समझौते पर यहां हस्ताक्षर के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और उल्फा के अरबिंद राजखोवा नीत वार्ता समर्थक गुट के एक दर्जन से अधिक शीर्ष नेता उपस्थित रहेंगे.
अधिकारियों ने बताया कि कि इस समझौते में असम से जुड़े लंबे समय से लंबित राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक मुद्दों पर गौर किया जाएगा. इसके अलावा समझौते के तहत मूल निवासियों को सांस्कृतिक सुरक्षा और भूमि अधिकार भी प्रदान किया जाएगा. परेश बरुआ नीत उल्फा का कट्टरपंथी धड़ा इस समझौते का हिस्सा नहीं होगा और वह सरकार द्वारा प्रस्तावित पेशकश को लगातार अस्वीकार करता रहा है.