नई दिल्ली : संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले कांग्रेस की पहल पर विपक्षी पार्टियों की एक बैठक बुलाई गई लेकिन तृणमूल कांग्रेस समेत चार प्रमुख विपक्षी पार्टियां इसमें शामिल नहीं हुईं. हालांकि पिछले अवसरों पर जब भी इस तरह की बैठक कांग्रेस पार्टी ने बुलाई तब तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधि मौजूद रहते थे लेकिन बीते कुछ दिनों में तृणमूल और कांग्रेस पार्टी के बीच खटास बढ़ी है. इसका प्रमुख कारण कांग्रेस के कई नेताओं और विधायकों का तृणमूल में शामिल होना भी है. हालांकि इस संबंध में तृणमूल सांसद सुखेन्दु शेखर रॉय (Trinamool MP Sukhendu Sekhar Roy) का कहना है कि कांग्रेस की बैठक में शामिल न होने से कोई आसमान नहीं टूटा है. यह एक सामान्य बात है.
तृणमूल सांसद ने कहा कि यदि कोई पार्टी बैठक में बुलाती है तो उसमें जाना या न जाना एक पार्टी का स्टैंड होता है. हमने कभी कांग्रेस को अपने यहां बैठक में नहीं बुलाया और उनके बुलाने पर जाने या न जाने का निर्णय लेना पार्टी के ऊपर है. सुखेन्दु ने कहा कि ऐसा भी हो सकता है कि यदि मुद्दा एक है और एक साथ लड़ने का इरादा है तो सबकुछ एक साथ हो सकता है. भविष्य में क्या होगा यह तो भविष्य ही बताएगा. इस तरह से समान मुद्दे पर विपक्षी पार्टियों के एकजुट हो कर सामने आने की संभावना से तृणमूल नेता ने इनकार नहीं किया है.