अगरतला: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) की संस्था आई-पैक (I-PAC) के 23 सदस्यों ने गुरुवार को त्रिपुरा की एक स्थानीय अदालत में समर्पण कर दिया और कोर्ट से सभी को जमानत (Bail) मिल गई. त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और आई-पैक के उक्त सदस्यों को कथित तौर पर अवैध हिरासत में रखे जाने पर तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा की आलोचना की थी.
'इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी' (आई-पैक) की टीम तृणमूल कांग्रेस के लिए संभावित जनाधार और राजनीतिक स्थिति की समीक्षा के लिए त्रिपुरा में है. पुलिस ने कथित तौर पर कोविड नियमों (Corona) का उल्लंघन करने के लिए उन्हें रविवार रात को एक होटल में हिरासत में रखा था.
राज्य में पहुंचे तृणमूल नेता और सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने आरोप लगाया कि इस घटना के पीछे भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व का हाथ है. कहा कि पार्टी द्वारा काम पर रखे गए आई-पैक के सदस्य यहां पेशेवर कार्य से आए थे. भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर त्रिपुरा पुलिस ने उन्हें हिरासत में रखा. संसद का सत्र चलने के बावजूद तृणमूल नेतृत्व ने पार्टी के कुछ सांसदों को दिल्ली से अगरतला आने को कहा है. तृणमूल सांसद काकोली घोष दस्तीदार यहां गुरुवार को पहुंचे, जबकि पार्टी महासचिव और लोकसभा सदस्य अभिषेक बनर्जी शुक्रवार को त्रिपुरा पहुंचेंगे.
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एस बी दास ने आई-पैक की टीम के सदस्यों को जमानत दे दी. मंगलवार को उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज होने के बाद उन्हें एक अगस्त को पुलिस के सामने तलब किया गया था. इससे पहले पुलिस ने कहा था कि आई-पैक के सदस्यों को तब तक होटल में रहना होगा, जब तक उनकी कोविड-19 रिपोर्ट उपलब्ध नहीं हो जाती.
नहीं हुई कोरोना की पुष्टि
मंगलवार रात को जांच रिपोर्ट में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई. उनके वकील पीयूष कांति बिस्वास ने कहा कि टीम के सदस्यों को परेशान करने के लिए राज्य सरकार के विरुद्ध एक मामला दर्ज किया जाएगा. बिस्वास ने कहा कि आई-पैक टीम के सदस्य राज्य में कोविड का निगेटिव प्रमाण पत्र लेकर आए थे. लेकिन उन्हें प्राथमिकी दर्ज करने से पहले हिरासत में रखा गया. यह उन्हें परेशान करने वाला कृत्य है.