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NC नेता त्रिलोचन सिंह वजीर हत्याकांड : मामा की मौत का बदला लेने के लिए ऐसे बनाया प्लान - वजीर की हत्या में चार लोग शामिल

नेशनल कांफ्रेंस के नेता त्रिलोचन सिंह वजीर की हत्या के मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ में पुलिस को केस से संबंधित कई सारी जानकारियां मिली हैं.

Trilochan Singh Wazir
Trilochan Singh Wazir

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Published : Sep 14, 2021, 6:14 PM IST

नई दिल्ली :रमेश नगर में हुई नेशनल कांफ्रेंस के नेता त्रिलोचन सिंह वजीर की हत्या के मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. आरोपी की पहचान राजेंद्र उर्फ राजू के रूप में की गई है. पुलिस की पूछताछ में उसने खुलासा किया है कि इस हत्या में कुल 4 लोग शामिल थे. वजीर को पहले खाने में बेहोशी की दवा मिला कर दी गई थी और बेहोशी की हालत में गोली मारकर हत्या की गई.

बता दें कि त्रिलोचन सिंह वजीर की हत्या में शामिल आरोपी ने खुलासा करते हुए पुलिस को बताया कि हरप्रीत ने अपने मामा की हत्या का बदला लेने के लिए इस हत्याकांड को अंजाम दिया है. वहीं गिरफ्तार आरोपी द्वारा दी गई जानकारी की पुलिस छानबीन कर रही है. बता दें कि 3 सितंबर को त्रिलोचन सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी और उनका शव 9 सितंबर को बरामद हुआ था.

आरोपी ने किए कई खुलासे

दिल्ली पुलिस की पश्चिम जिला पुलिस ने राजेंद्र उर्फ राजू को जम्मू से गिरफ्तार किया है. पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि वह हरप्रीत सिंह खालसा का दोस्त है. वह मुंबई में टैक्सी ड्राइवर का काम करता था. बीते अगस्त महीने में उसे काम दिलाने के नाम पर हरप्रीत ने दिल्ली बुलाया था. इसके बाद से वह उसके पास ही रहता था. बीते 2 सितंबर को उसको त्रिलोचन सिंह वजीर का सामान लेने के लिए राजू को जम्मू भेजा था. वहां से सामान बस में लेकर वह 3 सितंबर को दिल्ली वापस आ गया था. वहीं वजीर 2 सितंबर को ही यहां आ गया था.

वहीं राजू ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वजीर को 3 सितंबर को कनाडा जाना था. इसलिए उन्होंने खाने में बेहोशी की दवा मिलाकर उसे खिला दी थी. उस समय घर पर हरप्रीत सिंह खालसा, हरमीत सिंह, बिल्ला और वो खुद वहां मौजूद थे. उसने पुलिस को बताया कि बेहोशी की हालत में ही उन्होंने 3 सितंबर की रात गोली मारकर त्रिलोचन सिंह वजीर की हत्या कर दी थी. इस हत्या के बाद उन्होंने शव को वहीं पर रखा हुआ था. इसके बाद वह एक-एक कर इस घर से निकलकर फरार हुए थे. पुलिस से बचने के लिए वह जम्मू स्थित अपने ससुराल चला गया था.

1983 में हुई थी हरप्रीत के मामा की हत्या

राजेन्द्र को गिरफ्तार करने के बाद पश्चिम जिला पुलिस ने उसे क्राइम ब्रांच को सौंप दिया है. पुलिस को पूछताछ में उसने बताया है कि इस हत्या का मास्टरमाइंड हरप्रीत सिंह है. हरप्रीत सिंह के मामा की हत्या साल 1983 में हुई थी. उसे लगता था कि मामा की हत्या में त्रिलोचन का हाथ था. बदला लेने के लिए उसने हरमीत, राजू और अपने दोस्त बिल्ला के साथ मिलकर इस हत्या को अंजाम दिया. पुलिस आज आरोपी को अदालत के समक्ष पेश कर रिमांड पर लेगी. बता दें कि बीते 3 सितंबर को रमेश नगर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता त्रिलोचन सिंह वजीर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उनका शव बीते 9 सितंबर की सुबह बरामद हुआ था.

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