बस्तर:अंग्रेजों की गुलामी से देश को आजाद हुए 75 साल पूरे हो गए. जिसके बाद पूरे देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है. नक्सलियों का गढ़ कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ के बस्तर में आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर ग्रामीणों में अलग ही चहल पहल है. कई दशकों से बस्तर में नक्सलवाद की वजह से राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा से अनजान अब यहां के ग्रामीण इस साल शान से अपने अपने गांव में स्कूलों के साथ सरकारी भवनों में तिरंगा फहराएंगे. आजादी के बाद पहली बार बस्तर के कई गांव जहां कभी भी तिरंगा झंडा नहीं फहराया गया था वहां तिरंगा झंडा फहराया जाएगा.
प्रशासन ने तिरंगा झंडा फहराने की तैयारी की:बस्तर आईजी सुन्दरराज पी ने बताया कि " इस साल 15 अगस्त के मौके पर कभी नक्सलियों का गढ़ रहे 6 से अधिक गांवों में पहली बार तिरंगा फहराया जाएगा. इसको लेकर पुलिस के जवान और इन इलाकों के ग्रामीण पहले से ही तैयारी में जुट गए हैं. बस्तर में पिछले कई सालों से इन इलाकों में नक्सली काला झंडा लहरा कर ग्रामीणों को भी अपने राष्ट्रीय पर्व को मनाने की मनाही करते हैं. ग्रामीण चाहकर भी अपने इस राष्ट्रीय पर्व को नहीं मना पाते. उन्हें मालूम ही नहीं होता कि राष्ट्रीय पर्व पर तिरंगा झंडा क्यों फहराया जाता है." लेकिन इस बार सुरक्षाबल के जवान और बस्तर जिला प्रशासन इन गांवों में तिरंगा झंडा फहराएगा. पी सुंदरराज ने कहा कि नक्सली इन इलाकों में अपनी पैठ जमाए बैठे हैं. ऐसे में इस राष्ट्रीय पर्व पर ना कोई ध्वजारोहण होता है और ना ही कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन, नक्सलियों के दहशत की वजह से ग्रामीणों को उन्हीं के नक्शे कदम पर चलना पड़ता है, लेकिन इस साल ऐसा नहीं है.
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