चेन्नई : मद्रास उच्च न्यायालय ने बुधवार को फैसला सुनाया कि न्यायाधिकरणों के पास ऐसा कोई अधिकार नहीं है कि वे वकीलों को ब्लैक रोब (काला गाउन) पहनने के लिए अनिवार्य रूप से कहें. मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि वकीलों के लिए ब्लैक रोब पहनना केवल सर्वोच्च न्यायालय और देश भर के उच्च न्यायालयों में अनिवार्य है. जस्टिस आर. महादेवन और मोहम्मद शफीक की पीठ ने फैसले में कहा कि एडवोकेट्स एक्ट, 1961 की धारा 34 और बार काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों के संयुक्त पाठ से यह स्पष्ट है कि केवल उच्च न्यायालय ही उपस्थिति के लिए ड्रेस कोड के नियम बना सकते हैं.
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उन्होंने आगे कहा कि ट्रिब्यूनल के पास अधिवक्ताओं की उपस्थिति के लिए ड्रेस कोड निर्धारित करने के लिए कोई निर्देश जारी करने का कोई अधिकार नहीं है. नेशनल कंपनी लॉ बोर्ड के रजिस्ट्रार द्वारा 2017 में वकीलों के लिए एक ड्रेस कोड निर्धारित करने वाली एक अधिसूचना को अवैध घोषित करते हुए ये आदेश पारित किए गए हैं. भारत में इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज के सदस्य एडवोकेट आर. राजेश ने उसी साल अधिसूचना को चुनौती देते हुए एक रिट याचिका दायर की थी जिसमें जोर देकर कहा गया था कि नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष, सदस्यों और अधिवक्ताओं के लिए सभी बेंचों के सामने गाउन पहनना आवश्यक होगा.