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Tribals Protest Narayanpur नारायणपुर में नया पुलिस कैंप खोलने के विरोध में आदिवासियों का आंदोलन - Narayanpur Gram Panchayat Metanar

protest to open police camp छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में एक बार फिर आदिवासी और पुलिस आमने सामने हैं. ग्रामीणों की सुरक्षा व्यवस्था का हवाला देकर पुलिस ने ग्राम पंचायत मेटानार के आश्रित ग्राम ब्रेहबेड़ा में पुलिस कैंप खोला है. लेकिन आदिवासी इसका विरोध कर रहे हैं. आदिवासियों का कहना है कि पुलिस ने उन्हें चारों तरफ से घेर लिया है. वे कलेक्टर से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपना चाहते हैं लेकिन मिलने नहीं दिया जा रहा है. Tribals protest in Brehbeda of Narayanpur

protest to open police camp
नारायणपुर में पुलिस कैंप खोलने का विरोध

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Published : Dec 18, 2022, 12:00 PM IST

नारायणपुर: नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले के ग्राम पंचायत मेटानार के आश्रित ग्राम ब्रेहबेड़ा में पुलिस कैंप के विरोध में जुटे सैकड़ों आदिवासियों ने आंदोलन शुरू कर दिया है. आदिवासियों ने बताया कि "16 दिसम्बर की सुबह 7 बजे से पुलिस वालों ने कैंप लगाकर इलाके को घेर लिया. हमें पुलिस कैंप नहीं चाहिए." 1 नवंबर से पुलिस कैंप के विरोध में सैकड़ों आदिवासी आंदोलन कर रहे हैं. 28 नवंबर को पुलिस ने उन्हें आंदोलन स्थल से खदेड़ दिया था लेकिन दोबारा 11 दिसंबर से नाराज ग्रामीण ब्रेहबेड़ा गांव के जंगल में सड़क किनारे अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए. Tribals protest in Narayanpur

ब्रेहबेड़ा में पुलिस ने खोला नया कैंप:नारायणपुर के आश्रित ग्राम ब्रेहबेड़ा में पुलिस ने नया कैंप खोला है. लेकिन ग्रामीण इसके खिलाफ है. जिससे क्षेत्र में तनाव का माहौल है. मीडिया को पुलिस ने धरनास्थल से कई किलोमीटर पहले ही रोक दिया है. मौके पर पुलिस, पानी के टैंकर, जेसीबी मशीन के साथ तैनात है. पुलिस आदिवासियों से धरना प्रदर्शन बंद कर बातचीत के लिए बुला रही है. protest to open police camp

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आदिवासियों ने आरोप लगाया कि "5 दिसंबर को नारायणपुर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने गांव से 11 सदस्यीय टीम जिला मुख्यालय पहुंची. लेकिन DRG के जवानों ने उन्हें हिरासत में ले लिया. इसके बाद महिलाओं और कुछ पुरुषों से पूछताछ कर छोड़ दिया गया. दो आदिवासी युवकों को नक्सली बताकर जेल भेज दिया. उन पर कई गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. आदिवासियों की सुरक्षा के लिए यदि पुलिस कैंप खोला गया है तो फिर उन्हें कलेक्टर के पास ज्ञापन देने से क्यों रोका जा रहा ? " फिलहाल आदिवासियों ने राज्यपाल और छत्तीसगढ़ सरकार से न्याय की गुहार लगाई है. Tribals protest to open police camp Narayanpur

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