नारायणपुर:लोकसभा ना राज्यसभा सबसे ऊपर ग्राम सभा. जल जंगल जमीन हमारा. कुछ इस तरह के नारों के साथ अबुझमाड़ क्षेत्र के 13 ग्राम पंचायत के हजारों आदिवासी सोमवार को इकट्ठे हुए और वन संरक्षण अधिनियम 2022 और प्रस्तावित नए पुलिस कैंप का विरोध करने लगे. तीन दिन तक चलने वाले इस जनसभा में पारंपरिक वेशभूषा, तीर धनुष लेकर गायता, पटेल, मांझी और गांव के मुखिया पहुंचे. हजारों की इस भीड़ में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुई. हजारों ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा कि हमें गांव में पुलिस कैंप, सड़क नहीं चाहिए. कैंप खुलने का प्रस्ताव जब तक वापस नहीं लिया जाएगा तब तक आंदोलन करते रहेंगे. protest of tribals in Abujhmad
नेडनार, कलमानार, कस्तूरमेटा, कुतुल, दुरबेड़ा, पद्ममकोट, घमंडी, कोहकामेट, कच्चापाल, इरकभट्टी, मुरनार, करमरी, राजपुर सहित 13 ग्राम पंचायत के हजारों आदिवासी इरकभट्टी पहुंचे. सबसे पहले ग्रामीणों ने अपनी वेशभूषा में रैली निकालकर प्रदर्शन किया. इसके बाद देवी देवता की पूजा अर्चना कर सभा स्थल के पास गोंडवाना का झंडा फहराते हुए जनसमुदाय को अपने अधिकारों और लड़ाई से संबंधित विषयों पर विस्तार से बताया.
कैंप खुलने से सुरक्षित नहीं रहेंगी महिलाएं: नक्सल प्रभावित अबूझमाड़ के इरकभट्टी में तीन दिन तक एक विशाल जनसभा का आयोजन किया गया है. कच्चापाल निवासी मालती पोटाई ने बताया "गांव में सुरक्षा बलों का कैंप खुलेगा तो हमारे लिए परेशानी बढ़ेगी. महिलाएं जंगल में आजादी से घूम नहीं सकेगी. ग्रामीणों को नक्सली बनाकर जेल भेजा जाएगा. महिलाओं के साथ अत्याचार बढ़ेगा. सुरक्षा बल के जवान महिलाओं को उठा कर ले जाएंगे. बिना ग्राम सभा की अनुमति के कैंप नहीं खोलने देंगे."Tribal villagers rallied in Irakbhatti