रायपुर: सर्व आदिवासी समाज के प्रदेश अध्यक्ष बीएस रावटे ने कहा है कि "आदिवासी हिंदू नहीं हैं. कवासी लखमा के इस बयान से मैं पूरी तरह सहमत हैं. हम लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि एक अलग से कैटेगरी बनाई जाए. जिसमें अन्य लोगों को शामिल किया जाए. इसके लिए लंबे समय से आंदोलन किया जा रहा है. 1951 के पहले धर्म में अन्य का भी ऑप्शन होता था. जिसे कांग्रेस सरकार ने अलग कर दिया है. यह हमारी मजबूरी है क्योंकि धर्म में के कारन में हिंदू मुस्लिम सिख इसाई के अलावा अन्य का कोई ऑप्शन नहीं होता है. जिस वजह से हम मजबूरी में हिंदू लिखते हैं. नहीं तो हमारे रीति रिवाज खान-पान वेशभूषा वेशभूषा पूजा-पाठ सब अलग-अलग है और यही वजह है कि हम आदिवासी हिंदू नहीं हैं."
कांग्रेस सनातन धर्म के खिलाफ वातावरण बना रही है:इस मामले पर प्रदेश भाजपा महामंत्री केदार कश्यप ने कहा कि "कांग्रेस पार्टी के नेता लगातार हिंदू सनातन धर्म के खिलाफ वातावरण बना रहे हैं. यह साजिश उनके शीर्ष नेतृत्व द्वारा कराई जा रही है. इसके मूल में आदिवासी संस्कृति को खत्म कर धर्मांतरण कराकर आदिवासियों को ईसाई बनाने की सुनियोजित साजिश है. सोनिया गांधी ईसाई है और सनातन संस्कृति के खिलाफ कांग्रेस नेताओं से अपनी बात कहलवा रही हैं."
कांग्रेस सरकार के संरक्षण में धर्मांतरण हो रहा है:प्रदेश भाजपा महामंत्री केदार कश्यप ने आगे कहा कि "कवासी लखमा आदिवासियों को हिंदुओं के विरोध में बताते हैं. उन्हें ईसाइयों के विरोध में क्यों नहीं बताते? धर्मांतरण कराने वालों के खिलाफ क्यों नहीं बोलते. कांग्रेस नेतृत्व के दबाव में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के संरक्षण में धर्मांतरण हो रहा है. आदिवासी समाज को अपनी ही धरती पर अपनी संस्कृति से बेदखल करने का कुचक्र चल रहा है. धर्मांतरण का विरोध करने वाले आदिवासी का दमन किया जा रहा है. तब कवासी आदिवासी संस्कृति के पक्ष में खड़े क्यों नहीं होते."
"आदिवासी हिंदू हैं":मामले को लेकर वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी कहना है कि "आदिवासी हिंदू हैं. उनकी पूजा पद्धति एक है. उनके से जन्म से लेकर मृत्यु तक के जितने भी रिकॉर्ड है. उसमें हिंदू लिखते हैं. यह अलग बात है वह लोग अलग कालम की मांग कर रहे हैं. जिसमें हिंदू की जगह आदिवासी लिखा जाए. जिस बूढ़ादेव को आदिवासी अपना इष्ट देवता मानते हैं. हिंदू भी शिव शंकर को अपना इष्ट देवता मानते हैं. लगभग रीति परंपरा संस्कृति हिंदू और आदिवासियों की एक है. इस बात को ज्यादा विवाद के घेरे में नहीं लाया जाना चाहिए कि हिंदू है या आदिवासी हैं."