नई दिल्ली: दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, कोचीन, हैदराबाद, पुणे और चेन्नई हवाईअड्डों पर फुल बॉडी स्कैनर के लिए किए गए ट्रायल रन में कुछ कमियां पाई गई हैं, जिसके बाद नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) ने जांच, मूल्यांकन के लिए एक तकनीकी उप-समिति का गठन किया है (Trial run of full body scanners at airports).
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी. देश का विशिष्ट औद्योगिक सुरक्षा बल, सीआईएसएफ, हवाईअड्डों पर फुल बॉडी स्कैनर लगाने की कोशिश कर रहा है ताकि यात्रियों के मौजूदा डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टरों से गुजरने के बाद गैर-धात्विक वस्तुओं का पता लगाया जा सके.
अधिकारी ने कहा कि बीसीएएस को स्थापित करने की प्रारंभिक समय सीमा मार्च 2020 थी, लेकिन इसे कई बार बढ़ाया गया और अब इसे दिसंबर 2023 तक बढ़ा दिया गया है.
अप्रैल 2022 से पकड़ा इतना सामान :अप्रैल 2022 से जनवरी 2023 तक CISF ने देश के विभिन्न हवाई अड्डों से 183 गोला-बारूद और 15 हथियारों का पता लगाया. इसी अवधि के दौरान सीआईएसएफ ने 14.65 लाख रुपये मूल्य के प्रतिबंधित सामान का भी पता लगाया है.
सीआईएसएफ ने शुक्रवार को अपना 54वां स्थापना दिवस मनाया. वर्ष 2022 और फरवरी 2023 तक, CISF ने दो फायर विंग सहित चार नई इकाइयां शामिल की हैं. जेएसडब्ल्यू स्टील लिमिटेड, डोलवी, रायगढ़ (महाराष्ट्र) और मोपा ग्रीनफील्ड इंटरनेशनल एयरपोर्ट (गोवा) में दो इकाइयां शामिल की गई हैं. अधिकारी ने कहा कि वर्ष 2022 के दौरान सीआईएसएफ ने कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) देकर 41 लोगों को बचाया.