दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

TRF In Jammu-Kashmir: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समेत अन्य संगठनों के नेताओं को निशाना बनाने की योजना, जारी की लिस्ट

उग्रवादी समूह द रेजिस्टेंस फ्रंट ने कश्मीर गाटी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्यों के साथ अन्य संगठनों के नेताओं को निशाना बनाने की योजना बनाई है. टीआरएफ ने इस नेताओं के नामों की एक लिस्ट जारी की है, जिसमें ज्यादातर नाम महिला नेताओं के हैं.

TRF In Jammu-Kashmir
जम्मू-कश्मीर में टीआरएफ

By

Published : Apr 4, 2023, 6:32 PM IST

श्रीनगर (जम्मू और कश्मीर): उग्रवादी समूह द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने कश्मीर घाटी में RSS के नेताओं को धमकी दी है. खबरों के मुताबिक, टीआरएफ ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक (आरएसएस) के सदस्यों पर हमले की योजना बनाई है. इसके अलावा करीब 30 नामों की सूची भी सार्वजनिक की है. इस साल जनवरी तक सरकार ने टीआरएफ को पहले ही यूएपीए के तहत एक आतंकवादी समूह के रूप में नामित कर दिया था.

हाल ही में केंद्र सरकार की आतंकवादी संगठनों की सूची में टीआरएफ और चार अन्य समूहों को जोड़ा गया है. टीआरएफ लश्कर-ए-तैयबा का छायावादी आतंकवादी समूह है, जो जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों और नागरिकों की हत्या की साजिश में शामिल रहा है. बता दें कि टीआरएफ द्वारा जारी लिस्ट में अधिकांश नेता महिलाएं हैं. इस लिस्ट में मुहम्मद हारून (जम्मू-कश्मीर), इरशाद तांत्रे (कुलगाम) व अन्य का नाम शामिल है.

महिला नेताओं में संगीता आनंद (जम्मू-कश्मीर), करुणा छेत्री (जम्मू-कश्मीर) अफरोज़ा बानो (बारामूला), शमीमा बानो (जम्मू और कश्मीर), सुमैरा बानो (बारामूला), जमरूदा अख्तर (बारामूला), मुबीना अली (बारामूला), रुबीना बेगम (बारामूला), सकीना बेगम (बारामूला), अख्तर ज़हरा (बारामूला), स्नोबर निसार (जम्मू और कश्मीर), शबनम अख्तर (कश्मीर), उल्फत गस्से (जम्मू-कश्मीर), वहीदा (बारामूला), सुनीता वजीर (जम्मू), जरिया अख्तर और आफिदा (कश्मीर) का नाम शामिल है.

धमकी भरे पत्र ऐसे समय सामने आए हैं जब राज्य प्रशासन यह दिखाने का प्रयास कर रहा है कि कश्मीर में स्थिति में सुधार हुआ है. नेशनल कांफ्रेंस के नेता डॉ फारूक अब्दुल्ला के निमंत्रण पर वहां की स्थिति का आकलन करने के लिए ईद से पहले के हफ्तों में एक बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल भी कश्मीर की यात्रा करने के लिए तैयार है. दिल्ली में 13 विपक्षी दल के नेताओं की एक बैठक के दौरान, चुनाव आयोग से जम्मू और कश्मीर में चुनाव प्रक्रिया शुरू करने का अनुरोध करते हुए एक ज्ञापन प्रस्तुत किया गया था, जहां परिसीमन हटा लिया गया है.

पढ़ें:Pakistani drone: जम्मू कश्मीर में संदिग्ध पाकिस्तानी ड्रोन, बीएसएफ ने चलाईं गोलियां

दिलचस्प बात यह है कि टीआरएफ जम्मू-कश्मीर में सबसे ज्यादा सक्रिय है. धारा 370 को निरस्त किए जाने और जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा हटाए जाने के बाद, TRF की ऑनलाइन उपस्थिति स्पष्ट हो गई. लगभग छह महीने तक अपनी ऑनलाइन उपस्थिति को मजबूत करने के बाद, TRF ने खुद को जमीन पर स्थापित करने का दावा किया.

ABOUT THE AUTHOR

...view details