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उत्तराखंड में ट्रेकिंग ट्रैक्शन सेंटर से पर्यटन में आएगा बूम, खुलेंगे रोजगार के द्वार - ट्रेकिंग ट्रैक्शन सेंटर योजना

उत्तराखंड सरकार प्रदेश में ट्रेकिंग कल्चर को बढ़ावा (Promotion of trekking culture) दे रही है. इसके लिए पर्यटन विभाग ट्रेकिंग ट्रैक्शन सेंटर योजना (Trekking Traction Center Scheme) चला रहा है. जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार और पर्यटन की संभावनाएं खुलेंगी. इस योजना से आर्थिकी मजबूत होने के साथ-साथ रोजगार के द्वार भी खुलेंगे.

TREKKING
ट्रेकिंग कल्चर

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Published : Apr 13, 2022, 10:39 PM IST

देहरादून:उत्तराखंड में ट्रेकिंग व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड पर्यटन विभाग ट्रेकिंग ट्रैक्शन सेंटर योजना (Trekking Traction Center Scheme) चला रहा है. जिसके तहत अंतरराष्ट्रीय स्तर का ट्रेकिंग एटमॉस्फियर बनाने का काम किया जा रहा है. इस योजना के तहत छह जिलों में 11 ट्रेकिंग सेंटर अधिसूचित किए गए हैं. ट्रेकिंग ट्रैक्शन सेंटर के दो किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों में होम स्टे के लिए सरकार की ओर से वित्तीय सहायता दी जा रही है.

पूरे विश्व में तकरीबन पिछले ढाई सालों से अपना गहरा असर छोड़ने वाली कोविड-19 महामारी के बाद जहां पूरे विश्व में स्वास्थ्य वर्धक गतिविधियों को लेकर लोग ज्यादा रुचि दिखा रहे हैं तो वहीं इन बदली परिस्थितियों के बाद उत्तराखंड में भी ट्रेकिंग को लेकर अपार संभावनाएं खुली हैं. मौजूदा परिस्थितियों में ट्रेकिंग को लेकर ज्यादा रुचि देखने को मिल रही है. उत्तराखंड पर्यटन विभाग भी इसे लेकर खासा उत्साहित दिखाई दे रहा है. प्रदेश में ट्रेकिंग को बढ़ावा देने के लिए विभाग ऐसी योजनाएं चला रहा है, जिससे प्रदेश को एक नई पहचान मिल सके. इसके साथ ही उत्तराखंड में ट्रेकिंग को लेकर सुविधाओं को बढ़ाने के भी प्रयास किये जा रहे हैं. उत्तराखंड में ट्रेकिंग की संभावना और विस्तार से जहां एक और आर्थिकी में सुधार होगा वहीं, यह रोजगार का भी एक जरिया बन सकेगा.

उत्तराखंड में ट्रेकिंग ट्रैक्शन सेंटर से बढ़ेगा पर्यटन

उत्तराखंड टूरिज्म डिपार्टमेंट में साहसिक पर्यटन की जिम्मेदारी संभाल रहे अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी कर्नल अश्विनी पुंडीर ने बताया कि पर्यटन विभाग द्वारा ट्रेकिंग ट्रैक्शन सेंट्रल होम स्टे योजना चलाई जा रही है. जिसमें विभाग द्वारा स्थानीय व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए इस योजना को चलाया जा रहा है. इस योजना के तहत ट्रेकिंग सेंटर के 2 किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांव और अधिसूचित ट्रेक पर पड़ने वाले सभी पड़ाव के गांवों को होम स्टे के लिए सरकार की ओर से वित्तीय सहायता दी जा रही है. सरकार द्वारा चयनित ट्रेकों पर बनाए जाने वाले ट्रेकिंग सेंटर और चिन्हित ग्रामीण क्षेत्रों में होम स्टे बनाने के लिए सरकार द्वारा अनुदान के रूप में ₹60,000 और पहले से बने भवन को रिनोवेट करने के लिए ₹25,000 दिया जा रहा है. सरकार द्वारा तकरीबन 3.5 लाख तक का अनुदान सीधा ग्रामीणों को देने का प्रावधान है.

ट्रेकिंग ट्रैक्शन सेंटर के तहत अधिसूचित ट्रेक: बागेश्वर जिले में खाती ट्रेकिंग सेंटर चिन्हित किया गया है. इसमें खाती, दऊ, जैकुणी गांव जुड़े हैं. वहीं सरमोली ट्रेकिंग सेंटर से सरमोली, सुरिंग, रिलकोट, मरतोली और मिलन गांव शामिल हैं. पिथौरागढ़ जिले में सेंटर दर को चिन्हित किया गया है. इसमें दर, नांगलिंग, सीन, डाकर, दुतू गांव शामिल हैं. ट्रेकिंग सेंटर (पांगू) में भी गंगू बूंदी, गुंजी, कुटी जैसे गांव शामिल हैं.

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चमोली जिले की बात करें तो ट्रेकिंग सेंटर लोहाजंग को चिन्हित किया गया है. इसमें लोदानंग, मुन्दोली वॉक, गुलिंग, दिदिना, वाण, ताण, हिमिनी और घेस गांव शामिल हैं. ट्रैकिंग सेंटर तपोवन में तपोवन रिंगी, सुभाई सलधार गांव शामिल हैं. उत्तरकाशी में सांकरी में ट्रेकिंग सेंटर बनाया गया है. इसमें सांकरी सौड़, कोटगांव, गंगाठ, ओसला आदि गांव हैं. अगोड़ा ट्रेकिंग सेंटर के तहत अगोड़ा, भंकुली, गलोजी, दासंडा, नौगांव, निसनी गांव शामिल हैं. टिहरी जिले में घुत्तू को सेंटर बनाया गया है. इसमें घुत्तू, रानोडाल, ऋषिधार, सत्याला, मल्ला गांव शामिल हैं. मेहरगांव में भी ट्रेकिंग सेंटर बनाया गया है. इसमें गंगी, पुजार गांव, सेंदवाल गांव, भैयाण गांव, जोगीयाड़ा, भाटगांव, अकवा गांव, मल्ला गवणा व तत्तागवणा गांव शामिल हैं.

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