देहरादून:उत्तराखंड में ट्रेकिंग व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड पर्यटन विभाग ट्रेकिंग ट्रैक्शन सेंटर योजना (Trekking Traction Center Scheme) चला रहा है. जिसके तहत अंतरराष्ट्रीय स्तर का ट्रेकिंग एटमॉस्फियर बनाने का काम किया जा रहा है. इस योजना के तहत छह जिलों में 11 ट्रेकिंग सेंटर अधिसूचित किए गए हैं. ट्रेकिंग ट्रैक्शन सेंटर के दो किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों में होम स्टे के लिए सरकार की ओर से वित्तीय सहायता दी जा रही है.
पूरे विश्व में तकरीबन पिछले ढाई सालों से अपना गहरा असर छोड़ने वाली कोविड-19 महामारी के बाद जहां पूरे विश्व में स्वास्थ्य वर्धक गतिविधियों को लेकर लोग ज्यादा रुचि दिखा रहे हैं तो वहीं इन बदली परिस्थितियों के बाद उत्तराखंड में भी ट्रेकिंग को लेकर अपार संभावनाएं खुली हैं. मौजूदा परिस्थितियों में ट्रेकिंग को लेकर ज्यादा रुचि देखने को मिल रही है. उत्तराखंड पर्यटन विभाग भी इसे लेकर खासा उत्साहित दिखाई दे रहा है. प्रदेश में ट्रेकिंग को बढ़ावा देने के लिए विभाग ऐसी योजनाएं चला रहा है, जिससे प्रदेश को एक नई पहचान मिल सके. इसके साथ ही उत्तराखंड में ट्रेकिंग को लेकर सुविधाओं को बढ़ाने के भी प्रयास किये जा रहे हैं. उत्तराखंड में ट्रेकिंग की संभावना और विस्तार से जहां एक और आर्थिकी में सुधार होगा वहीं, यह रोजगार का भी एक जरिया बन सकेगा.
उत्तराखंड टूरिज्म डिपार्टमेंट में साहसिक पर्यटन की जिम्मेदारी संभाल रहे अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी कर्नल अश्विनी पुंडीर ने बताया कि पर्यटन विभाग द्वारा ट्रेकिंग ट्रैक्शन सेंट्रल होम स्टे योजना चलाई जा रही है. जिसमें विभाग द्वारा स्थानीय व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए इस योजना को चलाया जा रहा है. इस योजना के तहत ट्रेकिंग सेंटर के 2 किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांव और अधिसूचित ट्रेक पर पड़ने वाले सभी पड़ाव के गांवों को होम स्टे के लिए सरकार की ओर से वित्तीय सहायता दी जा रही है. सरकार द्वारा चयनित ट्रेकों पर बनाए जाने वाले ट्रेकिंग सेंटर और चिन्हित ग्रामीण क्षेत्रों में होम स्टे बनाने के लिए सरकार द्वारा अनुदान के रूप में ₹60,000 और पहले से बने भवन को रिनोवेट करने के लिए ₹25,000 दिया जा रहा है. सरकार द्वारा तकरीबन 3.5 लाख तक का अनुदान सीधा ग्रामीणों को देने का प्रावधान है.