रायपुर :पुलिसवालों पर अपने विभाग की ड्यूटी का ही इतना बोझ रहता है कि वो अपने परिवार तक को समय नहीं दे पाते, लेकिन छत्तीसगढ़ धमतरी के एक पुलिसकर्मी ने कुछ ऐसा कर दिखया कि वह लोगों के लिए मिसाल बन गई. अपनी ड्यूटी से समय निकालकर ये नेक काम करने वाले पुलिसकर्मी का नाम है शत्रुघ्न पांडेय. जिन्हें लोग पांडेय जी कहकर पुकारते हैं जो एसआई के पद पर कार्यरत हैं. इन्होंने 40 साल की नौकरी में न सिर्फ 1 लाख 85 हजार पौधे लगाए, बल्कि उनको पौधे से पेड़ भी बनाया. दर्जनों प्याउ खोले. इतना ही नहीं उन्होंने कई गरीब बच्चों के शिक्षा और शादी का खर्च भी उठाया है.
पुलिस वाला कहते ही जेहन में जो आम तस्वीर बनती है, पांडेय जी भी उससे अलग नहीं हैं. खाकी वर्दी, बेल्ट में वायरलेस सेट और सिर पर टोपी. लेकिन इस खाकी के अंदर जो इंसान है वो बाकी पुलिसवालों से एकदम अलग है. क्योंकि उनकी सेवा और उपलब्धि सब से हटकर है. शत्रुघ्न पांडेय आज से 40 साल पहले बतौर आरक्षक पुलिस में भर्ती हुए थे. आज उनके कंधों पर दो सितारे चमक रहे हैं, लेकिन ये 40 साल सिर्फ आरक्षक से उप निरिक्षक बनने मात्र का सफर नहीं है. इन चार दशको में शत्रुघ्न पांडेय पांडेय जी भी हो गए.
जहां रहे उस जगह को कर दिया हराभरा
इनके नाम के बाद ये जो जी लगा है उसके पीछे वो एक लाख 85 हजार पेड़ हैं जिन्हें कभी शत्रुघ्न पांडेय ने रोपा था. खाद पानी दिया, सींचा और पौधे को पेड़ बनाया. पौधे रोप देना आसान है, लेकिन उन्हें पूरी देखभाल के साथ पेड़ बनाना ये आसान नहीं होता. लेकिन पांडेय जी ने वो कठिन काम भी किया. सिर्फ यहीं नहीं, उन्होंने दर्जनों प्याऊ भी खोल रखे हैं जो गर्मियों में लोगों की प्यास बुझाते हैं. 40 साल में शत्रुघ्न पांडेय धमतरी के लगभग सभी थानो में पदस्थ हो चुके हैं. वो जिस थाने में भी रहे उस इलाके को हराभरा कर दिया. धमतरी ही नहीं छत्तीसगढ़ के जिस जिले में रहे, वहां अपने सेवा भाव से अपनी गहरी छाप छोड़ी है.