भुवनेश्वर : खोई हुई विरासत की खोज करने वाले एक समूह ने शुक्रवार को दावा किया कि उन्होंने भुवनेश्वर-पुरी मार्ग पर सातशंखा के पास लौदंकी गांव में प्राचीन मंदिर मूर्तियों एवं चौखटों के खजाने की खोज की है.
छह सदस्यों की टीम जो रत्नाचीरा घाटी का सर्वेक्षण कर रही थी, उन्हें गुरुवार को प्राचीनतम मूर्तियां मिलीं जब वे पिपली से महज 15 किमी और भुवनेश्वर से 40 किमी दूर गांव में प्राचीन गाटेश्वर मंदिर के परिसर का निरीक्षण कर रहे थे.
टीम के अगुवा, अनिल धीर ने बताया कि मंदिर की रसोई के पिछले हिस्से में कूड़े के ढेर के नीचे करीब दो दर्जन पुरावशेष मिले. टीम ने इससे पहले परिसर के चारों ओर बिखरे एक प्राचीन मंदिर के सतही अवशेषों की खोज की थी जिसमें नक्काशीदार पत्थर के खंड शामिल थे.
रत्नाचीरा परियोजना का नेतृत्व कर रहे 'रिडस्कवर लॉस्ट हैरिटेज' के मुख्य समन्वयक दीपक कुमार नायक ने बताया कि खोजी गई मूर्तियों में मयूरासन में भगवान कार्तिकेय की तीन फुट लंबी मू्र्ति, अर्धपरायनिका में दो फुट लंबे गणेश, दो फुट लंबी महिसासुरमर्दिनी, आलस्यकन्या की जटिल नक्काशी के साथ मंदिर की चौखटों के अलावा मनसा देवी की सात सिरों के सर्प वाली मूर्ति, ब्रूशव, नर विदाला आदि शामिल हैं.