श्रीनगर : अगस्त 2019 में जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 के संशोधन के बाद लगाए गए प्रतिबंधों और लॉकडाउन की वजह से केंद्र शासित प्रदेश में समाज का हर वर्ग प्रभावित हुआ है. लेकिन इस दौरान सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले जो लोग हैं वो हैं ट्रांसजेंडर समुदाय. अप्रैल और मई में देश में फैली कोविड की दूसरी लहर ने इस समुदाय के हालात और बदतर कर दिए हैं.
हालांकि कश्मीरी में ट्रांसजेंडर समुदाय लोगों से पैसे मांगने या सड़कों पर भीख मागने के बजाय, शादी-ब्याह या खुशियों में नाच-गाकर अपना जीवन यापन करता है, लेकिन पिछले दो वर्षों ने उनकी आजीविका को बेहद प्रभावित किया है. वे दिन में दो वक्त की रोटी के लिए भी दूसरों पर निर्भर हो गए हैं.
उनके चेहरे की चमक, मेकअप की परतें और सुंदर सी हंसी आमतौर पर उनके जीवन की असल वास्तविकता को छुपा देती हैं. लेकिन अब उनकी आजीविका के साधन हर गुजरते दिन के साथ कम होते जा रहे हैं. एक अच्छे जीवन की उनकी सभी उम्मीदें धूमिल होती जा रही हैं.
ईटीवी भारत से बात करते हुए ट्रांसजेंडर समुदाय के एक व्यक्ति ने कहा कि अभी तक किसी भी सरकार ने उनके या उनके अधिकारों के लिए कुछ नहीं किया है और अगर किसी भी समय कोई चिंता जताई गई तो वह सिर्फ घोषणाओं और दस्तावेजों तक ही सीमित रह गई. उन्होंने कहा कि मौजूदा कोरोना वायरस की स्थिति के दौरान भी उन्हें भुला दिया गया.