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अब तेलंगाना पर चीनी हैकर्स की नजर, ब्लैक आउट की बड़ी साजिश नाकाम - ट्रांसको गेनको

चीनी हैकर्स ने तेलंगाना में भी ब्लैक आउट करने की साजिश की थी. जानकारी के मुताबिक चीनी हैकर्स ने तेलंगाना के टीएस ट्रांस्को और टीएस जेनको पावर सिस्टम को हैक करने की कोशिश की थी. बिजली विभाग की टीम ने चीनी हैकर्स के हमले को नाकाम कर दिया है.

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Published : Mar 3, 2021, 4:35 PM IST

Updated : Mar 3, 2021, 5:43 PM IST

हैदराबाद :एक बार फिर चीनी हैकर्स की घटिया चाल सामने आई है. चीन के हैकर्स की नजर भारत पर बनी हुई है. चीनी हैकर्स ने भारत में बिजली सप्लाई को रोकने की एक बार फिर कोशिश की है. केंद्र सरकार ने साइबर सुरक्षा से जुड़े तमाम अधिकारियों को सावधानी बरतने का निर्देश दिया है. वहीं तेलंगाना के शीर्ष बिजली अधिकारियों ने कहा कि उन्हें केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण से 40 सब-स्टेशनों में चीनी मैलवेयर घुसने के बारे में अलर्ट मिला था.

चीनी हैकर्स ने तेलंगाना में भी ब्लैक आउट करने की कोशिश की थी. चीनी हैकर्स ने तेलंगाना के टीएस ट्रांस्को और टीएस जेनको पावर सिस्टम को निशाना बनाया था. बिजली विभाग की टीम ने चीनी हैकर्स के हमले को नाकाम कर दिया है. टीएस ट्रांस्को और टीएस जेनको तेलंगाना में बिजली सप्लाई करने की मुख्य कंपनियां हैं.

ट्रांस्को-जेनको के सीएमडी प्रभाकर राव ने बताया कि तेलंगाना सात राज्यों में से एक है, जिससे चीनी हैकर्स ने बिजली प्रणालियों के साथ संवाद करने की कोशिश की. प्रभाकर राव ने कहा कि चीनी हैकर्स देश में पावर ट्रांसमिशन सिस्टम पर हमला कर सकते हैं. उन्होने कहा कि हमें सावधानी बरतनी होगी. ग्रिड के अधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ एक बैठक आयोजित करनी होगी.

प्रभाकर राव ने कहा कि उपभोक्ताओं के लिए समस्याओं से बचने के लिए बिजली क्षेत्र के सभी विभाग समन्वय के साथ काम कर रहे हैं.

मुंबई ब्लैक आउट के पीछे चीनी हैकर्स

पाकिस्तान के बाद चीन की नजर अब भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई पर है. भले ही भारत ने चीन से सीमा संचालन को रद्द कर दिया हो, लेकिन चीनी हैकर्स भारत में साइबर हमला करने की कोशिश में हैं.

गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा, 'हो सकता है कि मुंबई महानगर में साइबर हमले से अचानक बिजली गुल हो गई हो'.

एक्स्पर्ट्स ने जताई साइबर हमले की संभावना

साइबर एक्सपर्ट और वकील प्रशांत माली का मानना है कि भारत में इस तरह के साइबर हमले की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. ऐसा इसलिए है, क्योंकि चीन से आयातित बिजली उपकरण भारत के अन्य राज्यों के बिजली घरों में भी स्थापित किए गए हैं. हो सकता है चीन ने पहले से ही अपने हार्डवेयर में मैलवेयर जैसे दुर्भावनापूर्ण सॉफ़्टवेयर स्थापित किए होंगे. चीन इसे वहां से संचालित कर सकता है. इस मामले में सरकार को जांच करनी चाहिए.

पढ़े : साइबर हमलों से बचने के लिए आईटी सेक्टर में आत्मनिर्भरता जरूरी, जानिए भारत की स्थिति

साइबर एक्सपर्ट शैलेंद्र देवलंकर का कहना है कि चीन भारत से आयात किए गए महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे में उपयोग किए जाने वाले उपकरणों में अपने मैलवेयर जैसे सॉफ्टवेयर का उपयोग कर रहा है. चीन राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए कुछ भी कर सकता है.

Last Updated : Mar 3, 2021, 5:43 PM IST

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