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पश्चिम बंगाल: कुर्मी समुदाय के आंदोलन से रुकी ट्रेनों की रफ्तार, राजमार्ग भी घेरा - पश्चिम बंगाल

पश्चिम बंगाल में पिछले चार दिनों से कुर्मी समुदाय के लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. उनके इस प्रदर्शन के चलते दक्षिण पूर्व रेलवे (एसईआर) के दो खंडों पर ट्रेन सेवा और राष्ट्रीय राजमार्ग छह पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से रुक गई है.

कुर्मी समुदाय का आंदोलन
कुर्मी समुदाय का आंदोलन

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Published : Sep 23, 2022, 4:56 PM IST

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में पिछले चार दिनों से जारी कुर्मी समुदाय (Kurmi Community Movement) के लोगों के प्रदर्शन के कारण दक्षिण पूर्व रेलवे (South Eastern Railway) के दो खंडों पर ट्रेन सेवा और राष्ट्रीय राजमार्ग छह पर वाहनों की आवाजाही शुक्रवार को भी प्रभावित रही. इस बात की जानकार दक्षिण पूर्व रेलवे (एसईआर) के प्रवक्ता ने दी है. उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारी पुरुलिया जिले के आद्रा मंडल के कुस्तौर में और पश्चिम मेदिनीपुर के खड़गपुर मंडल के खेमासुली में रेलवे पटरियों पर जमा हो गए, जिसके कारण ट्रेनों को रद्द किया गया.

आगे उन्होंने कहा कि गंतव्य से पहले यात्रा समाप्त की गई और कई ट्रेनों का मार्ग परिवर्तित किया गया. कुर्मी समुदाय के लोग अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने के अलावा कुरमाली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की भी मांग कर रहे हैं. उन्होंने मंगलवार को सुबह चार बजे से पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड में कई रेलवे स्टेशनों पर आंदोलन शुरू किया. हालांकि, उसी दिन अन्य सभी स्टेशनों पर जाम हटा लिया गया, लेकिन यह खेमासुली और कुस्तौर में जारी रहा.

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उन्होंने खेमासुली में राष्ट्रीय राजमार्ग को भी बाधित किया, जिससे कई मालवाहक वाहन और बसें मार्ग पर फंसी रहीं और वाहनों की कई किलोमीटर लंबी कतार लग गई. ट्रक चालकों ने कहा कि समय बहुत तनावपूर्ण है, क्योंकि उनके खाने-पीने का सामान लगभग खत्म हो गया है. एक ट्रक ड्राइवर ने कहा कि ‘हमलोग चार दिन से फंसे हुए हैं, हमारे खाने-पीने का सामान खत्म हो गया है और हमें दिक्कत हो रही है. रात में सुरक्षा की समस्या होती है.’ सूत्रों की माने तो सरकारी अधिकारियों द्वारा प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की जा सकती है.

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