नई दिल्ली :देश के ज्यादातर राज्यों में पेट्रोल की कीमत 100 पार कर गई है. इनमें राजधानी दिल्ली भी शामिल है. लगातार हो रही कीमतों में बढ़ोतरी से आम लोगों की जेब पर तो असर पड़ ही रहा है, व्यापार भी इससे खासा प्रभावित हो रहा है. इसके विरोध में व्यापारी अब सड़क पर उतर चुके हैं. दिल्ली के कनॉट प्लेस में चेम्बर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री के बैनर तले व्यापारियों ने आज विरोध प्रदर्शन किया. वहीं ईंधन की कीमतों को लेकर युवा कांग्रेस ने केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया है.
व्यापारियों का गुस्सा सीधे तौर पर केंद्र सरकार के खिलाफ है. ईटीवी भारत से बातचीत में चेम्बर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री के कन्वीनर बृजेश गोयल ने कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने से न सिर्फ आम लोगों का बजट बिगड़ गया है, बल्कि मालभाड़े में बढ़ोतरी हो रही है और इससे महंगाई भी बढ़ती जा रही है. कोरोना के कारण पहले से ही परेशान व्यापारियों पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ रहा है.
वसूल रहे 56 रुपया प्रति लीटर टैक्स
बृजेश गोयल का कहना था कि बीते 16 साल में कच्चे तेल की कीमत अभी सबसे कम है. पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग करते हुए बृजेश गोयल ने कहा कि अगर इसपर 28 फीसदी जीएसटी लगा दें, तो भी कीमत काफी कम हो जाएगी. उन्होंने बताया कि डीलर कमीशन मिलाकर अभी पेट्रोल की वास्तविक कीमत 44 रुपए प्रति लीटर है, जबकि 56 रुपया प्रति लीटर टैक्स लगता है.
युवा कांग्रेस ने किया विरोध प्रदर्शन
एलपीजी सिलेंडर के साथ यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी (Srinivas BV) और पार्टी के कार्यकर्ताओं ने रायसीना रोड से कनॉट प्लेस तक विरोध प्रदर्शन किया. वहीं मीडिया से बात करते हुए श्रीनिवास ने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले सात साल में पेट्रोल-डीजल के दामों में 22 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की है, लेकिन आम आदमी के हाथ में लाचारी के अलावा और कुछ नहीं आया है. उन्होंने कहा कि पेट्रोल, डीजल और एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में वृद्धि ने एक बात स्पष्ट कर दी, मोदी है तो महंगाई है.