हैदराबाद : विजयवाड़ा रेलवे स्टेशन भारत के बड़े स्टेशनों में से एक है. यह रेलवे के राजस्व में बड़ा योगदान देता है. लाखों लोगों को दूर दराज उनकी मंजिल तक पहुंचाता है और मोटी आय कमाता है, लेकि अब सरकार इसका निजीकरण करने की कोशिश कर रही है. सरकार के इस फैसले का ट्रेड यूनियनों और कर्मचारियों के द्वारा विजयवाड़ा रेलवे स्टेशन पर विरोध किया जा रहा है.
इस स्टेशन से होने वाली मोटी आय और परिवहन के लिए विख्यात होने के बावजूद रेलवे अधिकारी पुनर्विकास के नाम पर इसमें प्लांट लगाकर, इसे लगभग 99 सालों के लिए निजी पार्टियों को किराए पर देने की तैयारी में है.
श्रमिक यूनियन और कर्मचारी संघ दोनों ही इस प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं. वह पुनर्विकास के नाम पर हो रहे निजीकरण को रोकने का सुझाव दे रहे हैं. उन्होंने रेलवे के अधिकारियों से निजीकरण की योजना को वापस लेने और कर्मचारियों के हितों को बचाने की मांग की है.
उनका कहना है कि सौंदर्यीकरण और विकास निजी पार्टियों के बिना भी हो सकता है. उन्होंने सुझाव दिया है कि इसके बजाय रेलवे अपने दम पर इस स्टेशन के पुनर्विकास के लिए ऋण (loan) का विकल्प चुन सकता है. यह उपयोगकर्ता शुल्क और प्लेटफार्म की टिकट में बढ़ोतरी को भी रोकेगा. प्रस्ताव के वापस ना लिए जाने पर ट्रेड यूनियनों और कर्मचारियों ने प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है.