नई दिल्ली : तमिलनाडु में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर गुरुवार को तमिलनाडु सियासी हलचल का केंद्र बना रहा और भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों के ही दिग्गज नेताओं ने राज्य को दौरा किया. तमिलनाडु विधानसभा का चुनाव 2021 के अप्रैल से जून माह के बीच में होना तय है और भाजपा तमिलनाडु में अपनी पकड़ मजबूत करने की लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगा रही है. इसके लिए भाजपा, राज्य की सत्ताधारी पार्टी अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के साथ चुनाव लड़ने की घोषणा बीजेपी पहले ही कर चुकी है.
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा के दौरे से पहले ही नवंबर में गृह मंत्री अमित शाह भी तमिलनाडु का दौरा कर चुके हैं.
गुरुवार को पोंगल के अवसर पर जहां भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा तमिलनाडु पहुंचे और पोंगल के उत्सव में हिस्सा लिया, तो वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी पोंगल का उत्सव तमिलनाडु के लोगों के साथ ही मनाया और मतदाताओं को रिझाने की कोशिश की. जल्लीकट्टू के अवसर पर यहां पहुंचे राहुल गांधी ने केंद्र सरकार के कृषि कानून को लेकर जमकर निशाना साधा और किसानों के साथ होने का दावा किया.
कांग्रेस राज्य में मुख्य विपक्षी पार्टी डीएमके के साथ मिलकर तमिलनाडु की सत्ता हासिल करना चाह रही है. उल्लेखनीय है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में डीएमके ने एआईएडीएमके का सफाया कर दिया था और अब विपक्षी पार्टी का मानना है कि एआईएडीएमके के पास जयललिता जैसा कोई बड़ा चेहरा भी नहीं है, ऐसे में भारतीय जनता पार्टी और एआईएडीएमके का गठबंधन कहीं ना कहीं तमिलनाडु की राजनीति में महत्वपूर्ण मोड़ ला सकता है.
गुरुवार को भाजपा और कांग्रेस दोनों के ही शीर्ष नेता जब वहां पहुंचे, तो उन्होंने पोंगल के उत्सव पर कम ध्यान दिया और एक दूसरे पर अधिक आरोप-प्रत्यारोप लगाए.
राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी का नाम तो नहीं लिया, मगर इतना जरूर कहा कि वह तमिलनाडु लोगों को संदेश देने आए हैं, वे (भाजपा) तमिल भाषा और संस्कृति को रौंद सकते हैं. कहीं ना कहीं यह टिप्पणी सीधे तौर पर भाजपा पर की गई थी. वहीं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी पोंगल उत्सव में भाग लिया और सार्वजनिक सभा की.