लखनऊ :यूपी सरकार ने प्रदेश की जेलों में बंद टॉप 10 अपराधियों की सूची मांगी है. अब इनकी जेल मुख्यालय से 24 घंटे निगरानी होगी. प्रमुख सचिव (कारागार) राजेश प्रताप सिंह ने कहा कि सभी जेल अधीक्षकों को आदेश दिए गए हैं कि वहां जेलों में बंद टॉप 10 अपराधियों की सूची प्रदेश मुख्यालय को भेजी जाए. इन क्रिमिनल्स की सीसीटीवी कैमरों से निगरानी होगी. मुख्यालय स्तर पर निगरानी तंत्र को बेहतर बनाया जाएगा.
मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास ने चित्रकूट जेल को आरामगाह बना रखा था. इसकी भनक किसी भी आला अधिकारी को नहीं लग सकी. इसी को देखते हुए सीएम योगी ने फैसला किया है कि यूपी की जेलों में बंद टॉप 10 अपराधियों की निगरानी मुख्यालय से की जाएगी. इसके लिए उन्होंने जेलों में बंद टॉप 10 अपराधियों की लिस्ट तलब की है, वहीं कासगंज ट्रांसफर किए गए अब्बास अंसारी की निगरानी करने वाले जेल कर्मियों को हर महीने बदलने का फैसला किया गया है. जिससे वो किसी भी कर्मी को पैसों का लालच न दे सके.
उत्तर प्रदेश की जेलों को अपराधी आरामगाह न बना सके और उन पर हमेशा नजर रखी जा सके, इसके लिए सरकार ने पहले से ही सीसीटीवी कैमरे लगाए हुए हैं, वहीं अब 30 जेलों में ये सीसीटीवी कैमरे बढ़ाए भी जा रहे हैं. अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जेल विभाग से राज्य की जेलों में बंद टॉप 10 अपराधियों की लिस्ट तलब की है. यही नहीं उन पर नजर रखने के लिए क्या क्या प्रबंध किए गए हैं, उसकी भी जानकारी मांगी है.
प्रमुख सचिव कारागार राजेश प्रताप सिंह के अनुसार, शासन स्तर से यूपी की सभी जेलों के अधीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि जेलों में बंद टॉप टेन अपराधियों की सूची मुख्यालय को उपलब्ध कराएं, वहीं सीएम ने निर्देश दिए हैं कि यदि जेल कर्मियों को किसी ने धमकी दी तो तत्काल बताएं, बाद में बहाना नहीं चलेगा. सीएम ने निर्देश दिए हैं कि जेल अधिकारियों, कर्मचारियों को किसी भी प्रकार की समस्या हो, उन पर दबाव बनाया जा रहा हो या धमकी दी गई हो, तो इसकी सूचना तत्काल मुख्यालय को उपलब्ध कराएं. घटना के बाद इस प्रकार की बातों का संज्ञान नहीं लिया जाएगा.
वहीं चित्रकूट जेल से कासगंज भेजे गए विधायक अब्बास अंसारी पर अब कड़ाई बढ़ने लगी है. कासगंज जेल में अब्बास की निगरानी करने वाले जेल कर्मियों की हर महीने ड्यूटी बदलने का फैसला किया गया है. जेल अधिकारियों को आशंका है कि वो एक बार फिर जेल कर्मियों को प्रलोभन दे सकता है. ऐसे में अब्बास को हाई सिक्योरिटी सेल में रखने के साथ साथ वहां ड्यूटी में तैनात कर्मियों पर भी नजर रखी जा रही है. दरअसल, चित्रकूट जेल में बंद विधायक की पत्नी निखत अंसारी जेल में आकर नियमविरुद्ध अब्बास से प्राइवेट कमरे में मिल रही थीं. इसमें जेलकर्मियों की मिलीभगत सामने आई थी. जिस पर जेल अधीक्षक समेत जेल कर्मियों पर एफआईआर दर्ज की गई थी, वहीं अब्बास को चित्रकूट से कासगंज जेल भेज दिया गया.
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