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टूलकिट केस : पुलिस ने जूम एप से मांगी 11 जनवरी की मीटिंग में शामिल लोगों की जानकारी

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Published : Feb 16, 2021, 8:24 AM IST

Updated : Feb 16, 2021, 11:04 PM IST

23:00 February 16

आइसा ने दिल्ली पुलिस मुख्यालय पर किया प्रदर्शन

आइसा ने दिल्ली पुलिस मुख्यालय पर किया प्रदर्शन

दिशा रवि की रिहाई की मांग को लेकर आइसा का प्रदर्शन
ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आइसा) के कार्यकर्ताओं ने टूलकिट मामले में गिरफ्तार पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि की रिहाई की मांग को लेकर मंगलवार को दिल्ली पुलिस मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. वहीं प्रदर्शन कर रही आइसा की कार्यकर्ता कंवलप्रीत कौर ने कहा कि देश में राजद्रोह को मौजूदा सरकार ने खिचड़ी बना दिया है. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि पुलिस ने जितने भी प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ जो भी चार्ज लगाए हैं उसे तत्काल प्रभाव से वापस लेना होगा.

14:52 February 16

दिशा की गिरफ्तारी मामले में दिल्ली पुलिस को नोटिस

दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस को जारी किया नोटिस

टूलकिट मामले में पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ्तार को लेकर दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है. आयोग ने दिल्ली पुलिस से एफआईआर की कॉपी मांगी है और दिशा को कथित तौर पर स्थानीय कोर्ट में पेश न करने के पीछे का कारण बताने को कहा है.

13:47 February 16

दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने कहा कि दिशा रवि की गिरफ़्तारी कानून और प्रक्रियाओं का पालन करते हुए हुई है. कानून 22 साल और 50 साल की उम्र में कोई अंतर नहीं करता. कोर्ट ने गिरफ़्तारी को सही मानते हुए 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा. जो लोग कहते हैं कि गिरफ़्तारी में कोई कमी है ये बिल्कुल मिथ्या है. 

12:11 February 16

दिल्ली पुलिस ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले एप 'जूम' को पत्र लिखकर 11 जनवरी को ऑनलाइन बैठक में शामिल हुए लोगों के संबंध में जानकारी मांगी. इस बात की जानकारी एक अधिकारी ने दी.  

07:56 February 16

टूलकिट केस:

वीडियो

नई दिल्ली:टूलकिट को लेकर दर्ज हुई देशद्रोह की FIR में साइबर सेल कई बड़े चेहरों को बेनकाब कर रही है. इस मामले में दिशा की गिरफ्तारी के बाद महिला अधिवक्ता निकिता जैकब एवं उनके साथी मुम्बई निवासी शांतनु के खिलाफ पुलिस ने गैर जमानती वारंट जारी करवाया है. वहीं कई बड़े चेहरों पर जल्द ही गाज गिर सकती है. इसे लेकर साइबर सेल की टीम लगातार छानबीन में जुटी हुई है.

संयुक्त आयुक्त प्रेमनाथ के अनुसार, दिल्ली के तीन प्रमुख बॉर्डरों पर किसानों द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है. कुछ लोग इस प्रदर्शन का इस्तेमाल भारत की छवि को खराब करने के लिए करना चाहते थे. सोशल मीडिया के माध्यम से पुलिस को पता चला कि टूलकिट में इस साजिश की पूरी जानकारी है. यह टूलकिट गलती से ट्वीट होकर पब्लिक डोमेन में आ गया. इस टूलकिट में पूरा प्लान तैयार किया गया था. किस तरीके से हैशटैग के जरिये डिजिटल स्ट्राइक करनी है. 23 जनवरी से ट्वीट की बौछार की जाएगी और 26 को फिजिकल एक्शन किया जाएगा. वास्तव में भी ऐसा ही दिल्ली में हुआ. जिसके चलते पुलिस द्वारा देशद्रोह सहित विभिन्न धाराओं में 4 फरवरी को एफएआईआर दर्ज की गई. हालांकि इसमें किसी को नामजद नहीं किया गया था.

टूलकिट मामला: दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को मुंबई की वकील, पुणे के इंजीनियर की तलाश

दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने सोमवार को दावा किया कि खालिस्तानी तत्वों के साथ मिलकर भारत की छवि को धूमिल करने के उद्देश्य से किसानों के आंदोलन से संबंधित एक ‘टूलकिट’ बनाने के मामले में जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि के साथ मुंबई की एक वकील और बीड का एक इंजीनियर भी शामिल हैं.

संयुक्त पुलिस आयुक्त (साइबर) प्रेम नाथ ने बताया कि वकील निकिता जैकब और इंजीनियर शांतनु मुलुक के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किये गये है. ये दोनों फरार हैं. उन्होंने बताया कि गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा से 15 दिन पहले 11 जनवरी को इन दोनों ने ‘खालिस्तान समर्थक समूह’ पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन (पीएफजे) द्वारा ऑनलाइन जूम ऐप के माध्यम से आयोजित एक बैठक में भाग लिया था.

नाथ ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बैठक में ग्लोबल फार्मर स्ट्राइक और ‘‘ग्लोबल डे ऑफ एक्शन, 26 जनवरी’’ शीर्षक से टूलकिट बनाने के तौर तरीकों पर फैसला लिया गया.

अधिकारियों ने बताया कि वे पीटर फ्रेडरिक नामक एक व्यक्ति के जरिये आईएसआई के संबंधों की जांच कर रहे हैं जिसका नाम दस्तावेज़ में है और जिसे संगठन के एक संचालक के साथ जुड़ा हुआ माना जाता है.

दिल्ली पुलिस ने कहा कि जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि के साथ निकिता और शांतनु ने किसानों के आंदोलन के संबंधित ‘‘टूलकिट’’ बनाई थी और भारत की छवि को धूमिल करने के लिए उसे अन्य लोगों के साथ साझा किया था.

पुलिस ने दावा किया कि बेंगलुरु से शनिवार को गिरफ्तार की गई दिशा रवि ने जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग को टेलीग्राम ऐप के जरिये टूलकिट’भेजी थी और उस पर कार्रवाई करने के लिए उसे राजी किया था.

टूलकिट में ट्विटर के जरिये किसी अभियान को ट्रेंड कराने से संबंधित दिशानिर्देश और सामग्री होती है.


निकिता एवं शांतनु ने तैयार किया टूलकिट

संयुक्त आयुक्त प्रेमनाथ की मानें तो मामले की जांच के दौरान पता चला कि यह टूलकिट मुंबई की अधिवक्ता निकिता जैकब, उनके साथी शांतनु और दिशा रवि ने मिलकर तैयार किया था. दिल्ली पुलिस की तरफ से निकिता के घर का सर्च वारंट लिया गया और 11 फरवरी को दिल्ली पुलिस की टीम उनके घर पहुंची. यहां से दो लैपटॉप और एक आईफोन जब्त किया गया. अगले दिन एक बार फिर उनके घर पुलिस पहुंची, लेकिन निकिता जैकब अपने घर से गायब हो चुकी थी. इसके अलावा शांतनु भी लापता है. इसके चलते उनके लिए गैर जमानती वारंट अदालत से लिया गया.

ये भी पढ़ें:दिल्ली पुलिस का दावा, दिशा रवि ने टेलीग्राम के जरिए ग्रेटा को भेजी थी टूलकिट


बेंगलुरु से गिरफ्तार दिशा ने ग्रेटा को भेजा टूलकिट

संयुक्त आयुक्त प्रेमनाथ के अनुसार, इस मामले में दिशा रवि का नाम सामने आया तो पुलिस टीम बेंगलुरु पहुंची. वहां से उन्होंने दिशा को पकड़ा. उसके मोबाइल से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए, जबकि कई दस्तावेजों को उसने डिलीट कर दिया था. पुलिस को पता चला कि खालिस्तानी समर्थक पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के एमओ धालीवाल ने 11 जनवरी को ज़ूम पर एक मीटिंग आयोजित की थी. इसमें यह तय किया गया कि किस तरह से सरकार के खिलाफ लोगों को भड़काने के लिए काम करना है. इस मीटिंग में निकिता जैकब, दिशा रवि और शांतनु सहित लगभग 60 लोग शामिल हुए थे. यह भी पता चला है कि निकिता की दोस्त पुनीत के माध्यम से एमओ धालीवाल ने उनसे संपर्क किया था. वहीं इस काम के लिए दिशा ने एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया था, जिसे बाद में डिलीट कर दिया गया. इन खुलासों के बाद उसकी गिरफ्तारी की गई. फिलहाल वह पांच दिन की रिमांड पर है.

इंटरनेशनल खेल आया सामने

पुलिस को जांच के दौरान पता चला है कि टूलकिट केवल कुछ लोगों को भेजा गह था, जिनके माध्यम से एजेंडा को आगे बढ़ाना था, लेकिन एक ट्वीट के माधयम से यह गलती से पब्लिक डोमेन में आ गया. पुलिस को पता चला है कि आईएसआई से जुड़े भजन सिंह भिंडर उर्फ इकबाल चौधरी के लिए पीटर फेड्रिक काम करता है. इस एजेंडे को बढ़ाने में उसकी भी भूमिका रही है. भिंडर हथियारों एवं ड्रग्स का बड़ा तस्कर रहा है. कनाडा में बैठे प्रतिबंधित संगठन पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के सदस्यों ने टूलकिट के माध्यम से इस एजेंडे को फैलाने का काम किया. इस इंटरनेशनल कनेक्शन की जांच साइबर सेल कर रही है.

उम्र कैद तक हो सकती है

अधिवक्ता दीपक चौधरी ने बताया कि इस मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा आईपीसी की धारा 124 ए, 153ए, 153 और 120 बी के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. आईपीसी की धारा 124ए के तहत 3 साल से लेकर उम्र कैद की सजा के साथ जुर्माना भी लगाया जा सकता है. आईपीसी की धारा 153 ए के तहत तीन साल जबकि 153 के तहत एक साल तक की सजा और जुर्माना लगाया जा सकता है.

दिल्ली पुलिस ने कहा कि जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि के साथ निकिता और शांतनु ने किसानों के आंदोलन के संबंधित टूलकिट बनाई थी और भारत की छवि को धूमिल करने के लिए उसे अन्य लोगों के साथ साझा किया था.

पुलिस ने दावा किया कि बेंगलुरु से शनिवार को गिरफ्तार की गई दिशा रवि ने जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग को टेलीग्राम ऐप के जरिये टूलकिट भेजी थी और उस पर कार्रवाई करने के लिए उसे राजी किया था.

टूलकिट में ट्विटर के जरिये किसी अभियान को ट्रेंड कराने से संबंधित दिशानिर्देश और सामग्री होती है.

दिशा को गत शनिवार को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया था और दिल्ली की एक अदालत ने उसे रविवार को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया.

दिल्ली पुलिस के अनुसार, दोनों पर दस्तावेज तैयार करने और खालिस्तान-समर्थक तत्वों के सीधे सम्पर्क में होने का आरोप है.

केन्द्र के नए कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान 26 जनवरी को पुलिस के साथ हिंसक झड़प हो गई थी. गणतंत्र दिवस पर हुई इस झड़प में 500 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए थे और एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई थी.

Last Updated : Feb 16, 2021, 11:04 PM IST

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