नई दिल्ली :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (pm modi) ने टोक्यो पैरालम्पिक जा रहे भारतीय पैरा एथलीटों को 'असली जिंदगी का चैम्पियन' बताते हुए कहा कि उन्हें कोई मानसिक बोझ लिए बिना अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना है क्योंकि नई सोच का भारत खिलाड़ियों पर पदक के लिए दबाव नहीं बनाता.
टोक्यो ओलंपिक से पहले भारतीय दल से बात करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने 24 अगस्त से शुरू हो रहे पैरालम्पिक से पहले भारत के पैरा एथलीटों से मंगलवार को करीब डेढ घंटा संवाद किया. उन्होंने दिव्यांग खिलाड़ियों के जीवन में आई चुनौतियों के बारे में पूछा, उनके परिवार के योगदान को सराहा और टोक्यो में अच्छे प्रदर्शन के लिए खिलाड़ियों पर से दबाव कम करने की कोशिश भी की.
प्रधानमंत्री ने वर्चुअल बातचीत में कहा , 'आप असली चैम्पियन हैं. आपने जिंदगी के खेल में संकटों को हराया है और कोरोना महामारी से बढ़ी परेशानियों में भी अभ्यास नहीं रुकने दिया. 'यस वी विल डू इट, वी कैन डू इट' को आपने चरितार्थ करके दिखाया. एक खिलाड़ी के रूप में पदक अहम है लेकिन नई सोच का भारत अपने खिलाड़ियों पर पदक के लिए दबाव नहीं बनाता.'
उन्होंने कहा , 'आप बिना किसी मानसिक बोझ के, सामने कितना मजबूत खिलाड़ी है उसकी चिंता किए बिना अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कीजिए. तिरंगा लेकर आप टोक्यो में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे तो पदक ही नहीं जीतेंगे बल्कि नए भारत के संकल्पों को नई ऊर्जा भी देंगे. मुझे यकीन है कि आपका जोश और हौसला टोक्यो में नए कीर्तिमान गढ़ेगा.'
पीएम ने अपना उदाहरण दिया
उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा, 'जब मैं नया नया प्रधानमंत्री बना और दुनिया भर के नेताओं से मिलता था जिनका रुतबा बड़ा है और कद भी बड़ा है मेरी पृष्ठभूमि भी आपकी ही तरह थी और देश में भी लोगों को शंका रहती थी कि मैं कैसे काम करूंगा. मैं जब दुनिया के नेताओं से हाथ मिलाता तो यह नहीं सोचता था कि नरेंद्र मोदी हाथ मिला रहा है. मैं सोचता था कि मेरे पीछे मेरे सौ करोड़ देशवासी हैं और मुझे आत्मविश्वास की कमी कभी महसूस नहीं होती थी.'
उन्होंने कहा कि ओलंपिक में भी कुछ खिलाड़ी जीते और कुछ नहीं जीत सके लेकिन देश मजबूती से सभी के साथ खड़ा रहा. उन्होंने कहा, 'आप लोगों का आत्मबल और कुछ हासिल करने की इच्छाशक्ति असीम है और इसी की बदौलत भारत का सबसे बड़ा दल पैरालम्पिक में जा रहा है.' भारत का 54 सदस्यीय दल तोक्यो पैरालम्पिक में भाग लेगा जो अब तक का सबसे बड़ा दल है.
खिलाड़ियों से खुलकर की बात
प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर दो बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता भालाफेंक खिलाड़ी देवेंद्र झझारिया की बेटी से पूछा कि वह स्टेच्यू ऑफ यूनिटी देखने अभी तक गई हैं या नहीं, वहीं रियो पैरालम्पिक के स्वर्ण पदक विजेता मरियप्पन थंगावेलु की मां का तमिल में अभिवादन करते हुए पूछा कि उनके बेटे को खाने में क्या पसंद है. उन्होंने पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी पारुल से गुजराती में बात की तो पावरलिफ्टर सकीना खातून से बंगाली में.