नई दिल्ली : टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) को लेकर उत्साह का माहौल है. इसी कड़ी में आज भारतीय खिलाड़ियों से पीएम मोदी ने संवाद किया. उन्होंने कहा कि जापान में सभी खिलाड़ी जमकर खेलें.
खेलों के महाकुंभ- ओलंपिक जा रहे खिलाड़ियों से बातचीत में पीएम मोदी ने कहा कि जमीनी स्तर पर सही चयन हो तो देश की प्रतिभा क्या नहीं कर सकती, यह हमारे खिलाड़ियों ने दिखाया है.
दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी ने 23 जुलाई से शुरू हो रहे ओलंपिक खेलों के लिये जा रहे भारतीय खिलाड़ियों की हौसलाअफजाई के लिये उनसे वर्चुअल बातचीत की. उन्होंने कहा कि पूरे देश की शुभकामनाएं आपके साथ है. मुझे यकीन है कि आप टोक्यो में देश को गौरवान्वित करेंगे.
इन खिलाड़ियों ने की पीएम से बात
टोक्यो ओलंपिक खेलने जा रहे भारतीय खिलाड़ियों पी वी सिंधु (बैडमिंटन) , नीरज चोपड़ा (भालाफेंक) सानिया मिर्जा (टेनिस), एम सी मैरीकॉम (मुक्केबाजी), सौरभ चौधरी और इलावेनिल वालारिवान (निशानेबाजी), दुती चंद (एथलेटिक्स), मनप्रीत सिंह (हॉकी), विनेश फोगाट (कुश्ती) , साजन प्रकाश (तैराकी), दीपिका कुमारी और प्रवीण जाधव (तीरंदाजी), आशीष कुमार (मुक्केबाजी), मनिका बत्रा और अचंता शरत कमल (टेबल टेनिस) से प्रधानमंत्री ने बात की.
इस बातचीत में खेल मंत्री अनुराग ठाकुर, खेल राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक, पूर्व खेलमंत्री किरेन रीजीजू, आईओए अध्यक्ष नरिंदर बत्रा के अलावा कई खिलाड़ियों के माता पिता भी मौजूद थे.
मोदी ने कहा ,'कोरोना ने बहुत कुछ बदल दिया है. ओलंपिक का साल और आपकी तैयारियों का तरीका बदल गया. टोक्यो में भी आपको अलग तरह का माहौल मिलेगा. देश को इस बातचीत से पता चला कि इस कठिन समय में भी देश के लिये आपने कितनी मेहनत की है. देश आपको चीयर कर रहा है. 135 करोड़ भारतीयों की शुभकामनायें खेल के मैदान में उतरने से पहले आप सभी के लिये देश का आशीर्वाद है.'
प्रधानमंत्री ने कहा, 'आपके साथ देश भर की भावनायें जुड़ी हुई है. आप सभी को एक साथ देखने पर कुछ चीजें कॉमन नजर आ रही है. बोल्ड, कांफिडेंट पॉजिटिव. डिसिप्लिन, डेडिकेशन और डिटरमिनेशन. यही खूबी नये भारत की भी है और आप सभी उसके प्रतीक हैं.' अलग अलग जगहों से आये आप सभी एक टीम के रूप में देश के लिये खेलने जा रहे हैं.
उन्होंने आगे कहा, 'आप देश के लिये पसीना बहाते हैं. देश का झंडा लेकर जाते हैं तो यह देश का दायित्व है कि आपके साथ डटकर खड़ा रहे .आपकी ऊर्जा को देखकर कोई संदेह नहीं बचता कि वह दिन दूर नहीं जब जीतना ही न्यू इंडिया की आदत बन जायेगी. अभी तो ये शुरुआत है. आप टोक्यो जाकर देश का चरचम लहरायेंगे तो पूरी दुनिया देखेगी.'