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आवास के लिए रिश्वत नहीं दी तो शौचालय में रसोई बनाने को मजबूर गरीब महिला

स्वच्छत भारत अभियान के तहत गांवों में बने तमाम शौचालय गोदाम बन गए हैं. लेकिन कोई मजबूर शौचालय को ही रसोईघर बना देगा. ऐसा कम ही दिखता है. यूपी के उन्नाव में ऐसा ही एक मामला सामने आया है. पात्र होने के बावजूद आवासहीन यह महिला शौचालय में ही खाना बनाने और रखने को मजबूर है. सरकारी योजनाओं के दावे की पोल खोलती यह रिपोर्ट..

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Published : Feb 1, 2021, 3:36 PM IST

उन्नाव : जिले में एक गरीब महिला झोपड़ी के सहारे अपना गुजर बसर करने को मजबूर है. सरकार ने जो शौचालय बनवाया था, उसमें ही अब इस महिला ने अपना रसोई घर बना लिया है. महिला का कहना है कि उन्होंने घर बनवाने के लिए कई अधिकारियों के यहां चक्कर लगाए, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं की गई.

इतना ही नहीं प्रधान पर आवास के लिए पैसे मांगने का भी आरोप लगाया है. जहां एक तरफ देश के प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पीएम आवास वितरण को लेकर बड़े-बड़े वादे कर रहे हैं. वहीं उन्नाव जिले के बांगरमऊ क्षेत्र के गुलरिहा गांव में उनके वादे खोखले नजर आते दिख रहे हैं. इस गांव में एक बुजुर्ग महिला को आवास मिला ही नहीं है. उसने कई बार गांव के प्रधान और अधिकारियों की चौखट पर गुहार लगाई, लेकिन किसी ने नहीं सुनी.

मजबूर गरीब महिला

आवास के लिए रिश्वत की मांग

सरकारी आवास के लिए गरीबों से रिश्वत की मांग कोई नई बात नहीं है. प्रदेश के जिलों में ऐसी शिकायतें दर्ज हैं. जब ईटीवी भारत ने बुजुर्ग महिला के पड़ोसी मुंशी लाल से पूछा, तो उसने बताया कि हमने आवास के लिए कई बार प्रधान से कहा और उच्चाधिकारियों से भी बात की, लेकिन किसी ने भी नहीं सुनी. मुंशी लाल ने बताया कि आवास के लिए सब पैसे मांग रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर मेरे पास पैसा होता, तो हम खुद ही बना लेते. थक हारकर उस महिला ने जानवरों से अपने भोजन को बचाने के लिए शौचालय को ही अपना रसोई घर बना लिया.

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इस बावत ग्राम विकास अधिकारी विनोद वर्मा ने गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि हो सकता है उनका नाम आवास प्लस की सूची में गलती से छूट गया हो. लेकिन जांच में उनको पात्र पाया गया है.

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