कुरनूल :मल्लेश्वरस्वामी मंदिर में दशहरा के अवसर पर लाठी लड़ाई का आयोजन किया जाएगा. हालांकि अधिकारियों ने प्रतिबंध लगाए हैं. वायरस को फैलने से रोकने के लिए यह फैसला लिया गया है. इससे पहले पुलिस और अधिकारियों ने लाठी-डंडों के मुद्दे पर कई जागरूकता कार्यक्रम चलाए हैं. हिंसा पर लगाम लगाने की कोशिशों का कोई नतीजा नहीं निकला है.
दरअसल, तीर्थयात्रा पर निकलते हुए दो समुदायों के लोग मल्लेश्वर स्वामी की उत्सव की मूर्तियों को पकड़ने के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं और लाठियों से लड़ते हैं. इस दौरान जिनका हाथ पहुंचता है, वे स्वामीवारु को अपने गांव ले जाएंगे.
यहां नेरानी, नेरानिकी टांडा और कोट्टापेटा गांव के लोग एक टीम बनाते हैं और अलुरु, सुलुवई, एलारथी, अरीकेरा, निद्रावट्टी और बिलेहाल गांव के लोग एक और टीम बनाते हैं और लाठियों से लड़ते हैं. हर साल दोनों पक्ष गंभीर रूप से घायल होते हैं. यह लाठियों की लड़ाई को देखने के लिए कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्यों के हजारों भक्त इकट्ठा होते हैं.