नई दिल्ली :संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt kisan morcha) ने कहा बै कि फिरोजपुर रैली की असफलता को ढंकने के लिए प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक (PM Modi's security lapse in Punjab) का नाटक हो रहा है. हालांकि पूरे मामले पर किसान नेताओं की राय बंटी (Farmer leaders' opinion divided) हुई है.
पूरे मामले पर अब तक अलग अलग किसान नेता अपने निजी व्यक्तव्य देते रहे हैं लेकिन अब किसान संगठनों के साझा मंच द्वारा भी पूरे प्रकरण पर बयान सामने आया है. संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े वरिष्ठ नेताओं के हवाले से जारी व्यक्तव्य (Statement issued by quoting senior leaders) में यह कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी के रैली वाले दिन पंजाब के सभी जिला तहसीलों में मोर्चे से जुड़े 10 किसान संगठनों द्वारा प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया गया था.
इस उद्देश्य से 2 जनवरी को पूरे पंजाब में गांव स्तर पर और 5 जनवरी को जिला और तहसील मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन और पुतला दहन के कार्यक्रम घोषित किए गए थे. प्रधानमंत्री की यात्रा रोकने या उनके कार्यक्रम में अड़चन डालने का कोई कार्यक्रम नहीं था.
यह प्रदर्शन लखीमपुर खीरी मामले को लेकर किसान मोर्चा की मांग अजय मिश्र टेनी की गिरिफ्तारी और अन्य बकाया मांगो को लेकर आयोजित किया गया था. इसी क्रम में जब पुलिस प्रशासन द्वारा कुछ किसानों को फिरोजपुर जिला मुख्यालय जाने से रोका गया तो उन्होंने कई जगह सड़क पर बैठ कर इसका विरोध किया.
इनमें से प्यारेयाणा का वह फ्लाईओवर भी था जहां प्रधानमंत्री का काफिला आया, रुका और वापस चला गया. वहां के प्रदर्शनकारी किसानों को इसकी कोई पुख्ता सूचना नहीं थी कि प्रधानमंत्री का काफिला वहां से गुजरने वाला है. उन्हें तो प्रधानमंत्री के वापिस जाने के बाद मीडिया से यह सूचना मिली.
हालांकि संयुक्त किसान मोर्चा के बयान और भारतीय किसान यूनियन (क्रांतिकारी) के प्रमुख सुरजीत सिंह फूल (Surjit Singh Phool, chief of the Bharatiya Kisan Union के बयान में स्पष्ट विरोधाभास दिखाई देता है. फिरोजपुर में प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे सुरजीत सिंह फूल ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि उन्हें स्थानीय एसएसपी ने बताया कि इस रूट से ही प्रधानमंत्री का काफिला गुजरेगा जिसे उन्होंने नहीं माना और वहीं टिके रहे.