मदुरै : तमिलनाडु सरकार ने मदुरै जिले के अरिट्टापट्टी और मिनाक्षीपुरम गांव को जैवविविधता की विरासत का प्रतीक के रूप में ऐलान कर दिया है. ये दोंनों स्थल राज्य में विशेष हैं, यहां अनेकों ऐतिहासिक स्थल हैं और कई विलुप्तप्राय प्रजातियां भी मौजूद हैं. खास तौर पर इन गावों में 2,000 से अधिक वर्षों से कई स्थानिक प्रजातियों और ऐतिहासिक संरचनाओं का आवास बना है, जो कि राज्य में अपनी तरह का पहला माना जा रहा है.
राज्य सरकार ने इसके लिए एक अध्यादेश भी जारी किया है. सरकार की ओर से मदुरै जिले के अरिट्टापट्टी और मीनाक्षीपुरम सहित 193.215 हेक्टेयर क्षेत्र को जैव विविधता विरासत क्षेत्र घोषित किया गया. जैव विविधता महत्व वाले इस इलाके में हजारों साल पुरानी ऐतिहासिक विरासत और पक्षियों, कीड़ों और जीवों की दुर्लभ प्रजातियां हैं. साथ ही यहां की प्राचीन चट्टानें, कुदैवरा शिव मंदिर, दो हजार वर्ष पुराने जैन घाटियां आदि का संरक्षण पुरातत्व विभाग द्वारा किया जा रहा है.