दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

तमिलनाडु : मदुरै जिले के दो गांव जैव विविधता विरासत के प्रतीक घोषित - madurai 2 villages Heritage Symbols

तमिलनाडु सरकार ने मदुरै जिले के अरिट्टापट्टी और मीनाक्षीपुरम गांवों को जैव विविधता विरासत के प्रतीक के रूप में घोषित किया. इन गावों में 2,000 से अधिक वर्षों से कई स्थानिक प्रजातियों और ऐतिहासिक संरचनाओं का आवास बना है, जो कि राज्य में अपनी तरह का पहला माना जा रहा है.

Etv Bharat
Etv Bharat

By

Published : Nov 22, 2022, 3:12 PM IST

Updated : Nov 22, 2022, 6:19 PM IST

मदुरै : तमिलनाडु सरकार ने मदुरै जिले के अरिट्टापट्टी और मिनाक्षीपुरम गांव को जैवविविधता की विरासत का प्रतीक के रूप में ऐलान कर दिया है. ये दोंनों स्‍थल राज्‍य में विशेष हैं, यहां अनेकों ऐतिहासिक स्‍थल हैं और कई विलुप्‍तप्राय प्रजातियां भी मौजूद हैं. खास तौर पर इन गावों में 2,000 से अधिक वर्षों से कई स्थानिक प्रजातियों और ऐतिहासिक संरचनाओं का आवास बना है, जो कि राज्य में अपनी तरह का पहला माना जा रहा है.

राज्य सरकार ने इसके लिए एक अध्‍यादेश भी जारी किया है. सरकार की ओर से मदुरै जिले के अरिट्टापट्टी और मीनाक्षीपुरम सहित 193.215 हेक्टेयर क्षेत्र को जैव विविधता विरासत क्षेत्र घोषित किया गया. जैव विविधता महत्व वाले इस इलाके में हजारों साल पुरानी ऐतिहासिक विरासत और पक्षियों, कीड़ों और जीवों की दुर्लभ प्रजातियां हैं. साथ ही यहां की प्राचीन चट्टानें, कुदैवरा शिव मंदिर, दो हजार वर्ष पुराने जैन घाटियां आदि का संरक्षण पुरातत्व विभाग द्वारा किया जा रहा है.

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुप्रिया साहू द्वारा जारी शासनादेश के अनुसार, क्षेत्र की कुछ पहाड़ियों में लगभग 250 पक्षी प्रजातियों की उपस्थिति के साथ समृद्ध जैविक और ऐतिहासिक महत्व के अन्य वन्यजीव हैं, जिनमें तीन रैप्टर, लैगर बाज और लुप्तप्राय. इनमें स्लेंडर लोरिस भी शामिल हैं.

इस क्षेत्र में वाटरशेड के रूप में सात ग्रेनाइट पहाड़ियों की एक शृंखला है, जो 72 झीलों, 200 प्राकृतिक तालाबों और तीन चेक बांधों के लिए जल का आधार है. अरिट्टापट्टी क्षेत्र में पाए जाने वाले मेगालिथिक संरचनाओं में तमिल ब्राह्मी शिलालेख, जैन धर्म की मूर्तियां और गुफा में बने मंदिर हैं, जो 2,200 साल पुराने हैं. साहू ने कहा कि इन गांवों को विरासत घोषित करने का उद्देश्य संरक्षण उपाय के माध्यम से स्थानीय समुदायों के जीवन का स्तर बढ़ाना भी है. इससे प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक दोहन पर रोक लगेगी और पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचा जा सकेगा.

Last Updated : Nov 22, 2022, 6:19 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details