चेन्नई :तमिलनाडु के कल्लाकुरिची में 12वीं की छात्रा की मौत मामले में मद्रास उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को पुडुचेरी स्थित जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (Jipmer) के डॉक्टरों की टीम को पोस्टमार्टम रिपोर्ट का विश्लेषण कर एक महीने के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया. ये निर्देश न्यायमूर्ति एन सतीश कुमार ने दिया. साथ ही कोर्ट की सलाह पर छात्रा के परिवार ने आखिरकार करीब 10 दिनों बाद शव लेना स्वीकार कर लिया. राज्य के लोक अभियोजक हसन मोहम्मद जिन्ना ने पीड़ित के परिवार की याचिका के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की एक प्रति पेश की. छात्रा की मौत के बाद 17 जुलाई को कल्लाकुरिची में हिंसा हुई थी.
न्यायाधीश ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश में पीड़ित के पिता पी रामलिंगम की याचिका के बारे में कुछ नहीं कहा गया है, जिसमें पोस्टमार्टम में परिवार की पसंद के डॉक्टर को शामिल करने के बारे में बताया गया है. अदालत ने कहा कि 20 जुलाई को पारित उसके आदेशों में किसी संशोधन की आवश्यकता नहीं है. इससे पहले अदालत ने एक और पोस्टमॉर्टम के लिए अपनी याचिका पर जोर देने के लिए याचिकाकर्ता की खिंचाई की. याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि पोस्टमार्टम में परिवार के पसंद के डॉक्टर को शामिल किया जाना चाहिए.
कोर्ट ने कहा कि 'क्या आपको हाई कोर्ट पर भरोसा नहीं है. दूसरा पोस्टमॉर्टम करने के लिए डॉक्टरों की टीम का गठन अदालत ने किया था, न कि सरकार ने इसलिए किसी भी तरह की गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं है. जो सच्चाई होगी, जल्द ही सामने आएगी. इंतजार करें.' कोर्ट ने कहा कि 'अदालत माता-पिता की पीड़ा को समझ सकती है, लेकिन स्कूल में पढ़ रहे हजारों छात्रों के भविष्य के बारे में भी सोचना चाहिए. 17 जुलाई को प्रदर्शनकारियों ने स्कूल में तोड़फोड़ की. प्रबंधन को मुआवजा कौन देगा. छात्रों की आगे की शिक्षा सवालों के घेरे में है.'