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टीएमसी की चेतावनी : पेगासस केस पर हो खुली चर्चा वरना नहीं चलने देंगे संसद

तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने सोमवार को सामने आए सनसनीखेज पेगासस स्पाइवेयर विवाद (Pegasus spyware scandal) के खिलाफ संसद के मानसून सत्र के दूसरे दिन गांधी प्रतिमा के सामने धरना दिया. डेरेक ओ ब्रायन ने वर्चुअल माध्यम से मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि हम दोनों सदनों को तब तक चलने नहीं देंगे जब तक कि हमारी दो मांगें सरकार द्वारा तुरंत पूरी नहीं की जाती हैं.

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Published : Jul 20, 2021, 8:12 PM IST

तृणमूल कांग्रेस
तृणमूल कांग्रेस

नई दिल्ली :तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने सोमवार को सामने आए सनसनीखेज पेगासस स्पाइवेयर विवाद (Pegasus spyware scandal) के खिलाफ संसद के मानसून सत्र के दूसरे दिन गांधी प्रतिमा के सामने धरना दिया. तृणमूल कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि वह संसद की कार्यवाही को तब तक बाधित करते रहेंगे, जब तक सरकार पेगासस जासूसी और निगरानी मामले में लगे आरोपों से बेदाग बाहर नहीं आती और इस पर दोनों सदनों में चर्चा के लिये तैयार नहीं होती.

अब तक की गई रिपोर्टों और खुलासे के अनुसार, तृणमूल महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी भी उन 300 लोगों की सूची में शामिल हैं, जिनके फोन हैक किए गए थे, जो कथित तौर पर इजरायली कंपनी NSO से भारत सरकार द्वारा खरीदे गए स्पाइवेयर का उपयोग कर रहे थे.

पेगासस केस पर बढ़ा बवाल

तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने जासूसी के खिलाफ मंगलवार को दोनों सदनों में कार्यवाही स्थगित करने का प्रस्ताव पेश किया. लोकसभा और राज्यसभा दोनों में इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की. पार्टी ने 8 महीने से अधिक समय से धरने पर बैठे किसान यूनियनों द्वारा विरोध किए जा रहे तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की भी मांग की है.

बता दें, एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संघ ने रविवार को कहा था कि भारत में कई कारोबारियों व कार्यकर्ताओं के साथ दो मंत्रियों, 40 से ज्यादा पत्रकारों, विपक्ष के तीन नेताओं और एक मौजूदा न्यायाधीश समेत 300 से ज्यादा सत्यापित मोबाइल फोन नंबरों की स्पाईवेयर के जरिये हैकिंग की कोशिश की गई.

डेरेक ओ ब्रायन ने वर्चुअल माध्यम से मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, 'हम दोनों सदनों को तब तक चलने नहीं देंगे जब तक कि हमारी दो मांगें इस सरकार द्वारा तुरंत पूरी नहीं की जाती हैं. पहला पेगासस स्पाइवेयर मुद्दे पर चर्चा है और दूसरा इस सरकार को तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करना चाहिए.

उन्होंने कहा, इस सरकार ने ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी के माध्यम से जनता से 3 लाख 70 हजार करोड़ रुपये इकट्ठा किया. क्या यह वह जगह (पेगासस) है, जहां वे विपक्षी नेताओं, पत्रकारों, अधिकारियों आदि पर जासूसी करने के लिए करदाताओं के पैसे खर्च कर रहे हैं.'

पढ़ें :पेगासस की जासूसी नई नहीं, 125 साल हो रही है फोन टैपिंग, सरकारों पर लगते रहे हैं इल्जाम

सबूतों के बाद चर्चा का दवाब

लोकसभा में पेगासस मुद्दे पर नवनियुक्त आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के बयान का जिक्र करते हुए, टीएमसी लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि मंत्री ने कहा कि कोई सबूत नहीं था, लेकिन अब यह साबित हो गया है कि 'द वायर' के पास ऐसे सबूत उपलब्ध हैं, जिनमें जब 20 मोबाइल फोन का फोरेंसिक रूप से टेस्ट किया गया तो पत्रकारों के 10 मोबाइल फोन में स्पाईवेयर पेगासस की मौजूदगी का पता चला था. यह कुल का 50% है और इस प्रकार पर्याप्त सूबत है. अब सरकार को इस पर दोनों सदनों में जवाब देना चाहिए और चर्चा करनी चाहिए.

उन्होंने कहा, हम ऑन रिकॉर्ड (अधिकृत तौर पर) यह कह रहे हैं कि सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने सदन में झूठ बोला है. हम सिर्फ इतना चाहते हैं कि प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री जवाब दें कि भारत एनएसओ (पेगासस स्पाईवेयर बनाने वाली इजराइली कंपनी) का ग्राहक है या नहीं. हमारे पार सरकार के लिये सवालों की एक सूची है और जब तक इन सवालों का जवाब नहीं मिल जाता, हम संसद नहीं चलने देंगे.

मोइत्रा ने इसके बाद कुछ सवालों का जिक्र करते हुए कहा- क्या भारत सरकार के तहत आने वाले किसी विभाग ने पेगासस खरीदा था? क्या इस स्पाईवेयर का फिलहाल इस्तेमाल किया जा रहा है? किसी एजेंसी ने इस आंकड़े के लिये अनुरोध किया था और इसे कहां रखा जा रहा है?

'भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास'

बता दें, सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिये भारतीयों की जासूसी करने संबंधी खबरों को सिरे से खारिज करते हुए कहा था कि संसद के मॉनसून सत्र से ठीक पहले लगाये गए ये आरोप भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास हैं.

लोकसभा में स्वत: संज्ञान के आधार पर दिये गए अपने बयान में वैष्णव ने कहा था कि जब देश में नियंत्रण एवं निगरानी की व्यवस्था पहले से है तब अनधिकृत व्यक्ति द्वारा अवैध तरीके से निगरानी संभव नहीं है.

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव की कोविड पर आज सर्वदलीय ब्रीफिंग में शामिल होने के सवाल पर ओ ब्रायन ने कहा कि सदन में पार्टी के नेता इस प्रस्तुति में शामिल होंगे क्योंकि वह इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहती. कांग्रेस ने इस कार्यक्रम के बहिष्कार की घोषणा की है.

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