कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा स्थापित करने के केंद्र के फैसले का स्वागत किया, लेकिन फिर भी कहा कि इसका उद्देश्य पश्चिम बंगाल की झांकी को खारिज करने के बाद आलोचना का मुकाबला करना है. ऐसा लगता है मानो गणतंत्र दिवस परेड के लिए राष्ट्रवादी नेता का थीम देकर केंद्र सरकार ने बड़ी मुसीबत मोल ले ली है.
टीएमसी ने कहा कि असली श्रद्धांजलि दी जा सकती थी अगर केंद्र ने नेताजी के लापता होने के रहस्य को उजागर करने के लिए कदम उठाए होते. "चूंकि नेताजी पर पश्चिम बंगाल की झांकी की अस्वीकृति ने एक बड़ा विवाद पैदा कर दिया है, केंद्र उससे ध्यान हटाने की कोशिश कर रहा है. नेताजी की प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय केवल उसी दिशा में एक कदम मात्र है. इसके बावजूद भी हम निर्णय का स्वागत करते हैं. साथ ही, तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव कुणाल घोष ने कहा, हमें लगता है कि असली श्रद्धांजलि दी गई होती अगर सरकार ने उनके लापता होने के रहस्य को उजागर करने के लिए कदम उठाए होते.
उन्हें प्रतिध्वनित करते हुए, पार्टी सांसद सौगत रॉय ने कहा कि नेताजी पर झांकी की अस्वीकृति के बाद भाजपा के राष्ट्र के प्रतीकों का सम्मान करने का दावा बेनकाब हो गया.
रॉय ने कहा "हम फैसले का स्वागत करते हैं. लेकिन हमें लगता है कि गणतंत्र दिवस परेड में पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा नेताजी की झांकी की अनुमति देने में कोई बुराई नहीं है. इसे संकीर्ण मानसिकता की राजनीति के कारण खारिज कर दिया गया था. अब, जैसा कि भाजपा और उसके प्रतीकों पर नाटक करते हैं हमारे देश का पर्दाफाश हो गया है, इसने मूर्ति स्थापित करने का फैसला किया."
पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को घोषणा की कि स्वतंत्रता सेनानी की एक भव्य प्रतिमा इंडिया गेट पर स्थापित की जाएगी, जो उनके प्रति देश के "ऋण" के प्रतीक के रूप में है. साथ ही यह भी कहा कि जब तक ग्रेनाइट की मूर्ति पूरी नहीं हो जाती, उसी स्थान पर होलोग्राम की प्रतिमा लगाई जाएगी. वह स्वयं 23 जनवरी को राष्ट्रवादी नेता की 125वीं जयंती पर होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण करेंगे.
गणतंत्र दिवस परेड के लिए पश्चिम बंगाल की झांकी को अस्वीकार किए जाने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर सूचित किया था कि इस अवसर पर सीपीडब्ल्यूडी की झांकी नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि देगी, लेकिन उनकी टीएमसी राज्य की "गरिमा को ठेस पहुंचाई गई है."
रविवार को मोदी को लिखे एक पत्र में, बनर्जी ने बोस और उनकी भारतीय राष्ट्रीय सेना पर आधारित राज्य की झांकी को अस्वीकार करने पर “हैरानी” व्यक्त की थी. इसमें रवींद्रनाथ टैगोर, ईश्वर चंद्र विद्यासागर, स्वामी विवेकानंद और श्री अरबिंदो जैसे अन्य बंगाली संस्कृति के प्रतीक भी शामिल थे.