कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस ने अपने दो नेताओं को पार्टी से निकालने की घोषणा की है. ये हैं - कुंतल घोष और शांतनु बंदोपाध्याय. इन दोनों नेताओं पर प. बंगाल टीचर स्कैम में शामिल होने का आरोप है. सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है. राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार टीएमसी को अंदाजा है कि आने वाले पंचायत चुनाव और लोकसभा चुनाव में भाजपा इस मुद्दे का फायदा उठा सकती है, इसलिए पार्टी ने यह फैसला किया है.
आपको बता दें कि शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच सीबीआई कर रही है. इसमें टीएमसी के और भी कई नेताओं के नाम हैं. मुख्य आरोपी पार्थ चटर्जी हैं. पार्थ चटर्जी ममता मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सहयोगी थे. लेकिन जैसे ही उनका नाम इस स्कैम में सामने आया, और ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया, पार्टी ने न सिर्फ उन्हें मंत्री पद से हटाया, बल्कि पार्टी विभागों से भी हटा दिया. पार्टी ने उन्हें जो भी जिम्मेदारी दे रखी थी, उससे उन्हें किनारा कर दिया गया. पार्थ चर्टजी टीएमसी के संस्थापकों में से एक रहे हैं.
शांतनु बंदोपाध्याय अभी प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में हैं. कुंतल घोष ज्यूडिशियल कस्टडी में हैं. उन्हें पार्टी से निकाले जाने की घोषणा डॉ शशि पांजा ने की. शशि पांजा प. बंगाल की महिला एवं बाल विकास मंत्री हैं. वह उद्योग विभाग की भी इंचार्ज हैं. इन दोनों नेताओं को पार्टी से निष्कासित करने का ऐलान करते हुए पांजा ने कहा कि टीएमसी करप्शन के मुद्दे पर किसी को भी बर्दाश्त नहीं करेगी. पांजा ने कहा कि हमारी पार्टी भ्रष्टाचार को पनाह नहीं देती है.