नई दिल्ली :संसद के शीतकालीन सत्र में कोरोना प्रोटोकॉल के नाम पर मीडिया प्रवेश वर्जित करने का विपक्ष ने कड़ा विरोध किया है. साथ ही सरकारी चैनल द्वारा सदन की कार्यवाही के प्रसारण में सेंसरशिप का आरोप भी लगाया है. इस बारे में बृहस्पतिवार को मीडिया से बातचीत में तृणमूल कांग्रेस की राज्यसभा सांसद सुष्मिता देव ने कहा कि पत्रकारों का प्रवेश रोक कर सरकार देश की जनता से यह छिपाना चाहती है कि संसद में क्या हो रहा है.
उन्होंने कहा कि संसद सत्र के शुरुआत में ही विपक्ष के 12 सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित किया गया और इसके पीछे जो कारण बताया गया वो पिछले सत्र के दौरान हुआ था. संसद के इतिहास में शायद ऐसा कभी नहीं हुआ होगा. तृणमूल कांग्रस का कहना है कि मीडिया का प्रवेश वर्जित कर और सांसदों को निलंबित कर सरकार केवल विपक्ष की आवाज को रोकने का प्रयास कर रही है.
बता दें कि कोरोना प्रोटोकॉल के नाम पर पत्रकारों का प्रवेश रोके जाने का प्रेस क्लब ऑफ इंडिया समेत कई अन्य राज्यों के प्रेस क्लबों ने भी विरोध किया. इसीक्रम में गुरुवार को प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के वरिष्ठ पत्रकारों ने प्रदर्शन कर इस निर्णय पर आक्रोश भी जताया. प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने इस बाबत लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को ज्ञापन भी दिया है. दूसरी तरफ विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी राज्यसभा अध्यक्ष वेंकैया नायडू को पत्र लिख कर इस पर अपना विरोध व्यक्त किया और पत्रकारों के प्रवेश से रोक हटाने की मांग की.