पुष्कर (अजमेर). तीर्थ राज पुष्कर को सभी तीर्थों का गुरु (Color of phag in Tirtha Guru Pushkar) माना जाता है. जगत पिता ब्रह्मा का यह पवित्र स्थान करोड़ों हिंदुओं के लिए आस्था का केंद्र है. होली से पहले यहां फागोत्सव की खुशबू बिखरने लगी है. यहां पर विश्व भर से पर्यटक आते हैं और खूबसूरती समेट विदा हो जाते हैं. पुष्कर में लोगों की आय तीर्थ यात्रियों की जजमानी और पर्यटकों से जुड़ी हुई है. कोरोना काल में पर्यटन उद्योग लगभग खत्म सा होगा गया. देशभर से आने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या में भी गिरावट दर्ज की गई. इससे लोगों को काफी निराशा भी हुई. फिलहाल पुष्कर विदेशी मेहमानों के लिए पलक पावड़े बिछाए हुए है.
कुछ वर्षों पहले तक पुष्कर की कपड़ा फाड़ होली पूरे विश्व में प्रसिद्ध (Color of phag in Tirtha Guru Pushkar) हो चुकी थी. पुष्कर की कपड़ा फाड़ होली में शामिल होने के लिए तीन माह पहले से ही होटल, गेस्ट हाउस में बुंकिंग शुरू हो जाती थी. विदेशी पर्यटकों के लिए कपड़ा फाड़ होली विशेष आकर्षण रहती थी लेकिन पुष्कर के धार्मिक महत्व को बरकार करने के उद्देश्य कपड़ा फाड़ होली को बंद कर दिया गया.
पुष्कर में 5 मार्च से फाग उत्सव की शुरुआत हो चुकी है. वराह घाट चौक पर तीन वर्ष बाद फिर से फाग उत्सव मनाया गया. अजमेर के विभिन्न क्षेत्रों से भजन गायकों को आमंत्रित किया गया. फाग की मस्ती में भक्ति के मिश्रण से अध्यात्म नगरी की परंपरा को बरकार रखा गया. राधा कृष्ण, रामसीता, हनुमान, श्याम बाबा की मनमोहक झांकिया सजाई गई. वहीं भजनों के माध्यम से फाग उत्सव में खूब रंग जमाया गया. बीच बीच में भजन गायकों और उपस्थित लोगों पर फूलों की वर्षा भी की गई.