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तीर्थ गुरु पुष्कर में चढ़ा फाग का रंग, होलिका दहन तक होंगे फाग उत्सव के अंतर्गत कई कार्यक्रम

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Published : Mar 6, 2022, 5:35 PM IST

जगत पिता ब्रह्मा की नगरी पुष्कर में फाग की मस्ती (Color of phag in Tirtha Guru Pushkar) चढ़ने लगी है. कोरोना काल के बाद यह पहला बड़ा आयोजन हुआ है जिसने पुष्कर की फ़िजा में शामिल अध्यात्म के साथ उत्साह और उमंग भर दिया है. तीन साल बाद लोग फाग की मस्ती में सरोबार हुए. लोगों ने भजन और भक्ति की सरिता में गोते लगाने के साथ फाग का जमकर आनंद लिया.

The color of the fog rose in Tirtha Guru Pushkar
तीर्थ गुरु पुष्कर में चढ़ा फाग का रंग

पुष्कर (अजमेर). तीर्थ राज पुष्कर को सभी तीर्थों का गुरु (Color of phag in Tirtha Guru Pushkar) माना जाता है. जगत पिता ब्रह्मा का यह पवित्र स्थान करोड़ों हिंदुओं के लिए आस्था का केंद्र है. होली से पहले यहां फागोत्सव की खुशबू बिखरने लगी है. यहां पर विश्व भर से पर्यटक आते हैं और खूबसूरती समेट विदा हो जाते हैं. पुष्कर में लोगों की आय तीर्थ यात्रियों की जजमानी और पर्यटकों से जुड़ी हुई है. कोरोना काल में पर्यटन उद्योग लगभग खत्म सा होगा गया. देशभर से आने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या में भी गिरावट दर्ज की गई. इससे लोगों को काफी निराशा भी हुई. फिलहाल पुष्कर विदेशी मेहमानों के लिए पलक पावड़े बिछाए हुए है.

तीर्थ गुरु पुष्कर में चढ़ा फाग का रंग

कुछ वर्षों पहले तक पुष्कर की कपड़ा फाड़ होली पूरे विश्व में प्रसिद्ध (Color of phag in Tirtha Guru Pushkar) हो चुकी थी. पुष्कर की कपड़ा फाड़ होली में शामिल होने के लिए तीन माह पहले से ही होटल, गेस्ट हाउस में बुंकिंग शुरू हो जाती थी. विदेशी पर्यटकों के लिए कपड़ा फाड़ होली विशेष आकर्षण रहती थी लेकिन पुष्कर के धार्मिक महत्व को बरकार करने के उद्देश्य कपड़ा फाड़ होली को बंद कर दिया गया.

पुष्कर में 5 मार्च से फाग उत्सव की शुरुआत हो चुकी है. वराह घाट चौक पर तीन वर्ष बाद फिर से फाग उत्सव मनाया गया. अजमेर के विभिन्न क्षेत्रों से भजन गायकों को आमंत्रित किया गया. फाग की मस्ती में भक्ति के मिश्रण से अध्यात्म नगरी की परंपरा को बरकार रखा गया. राधा कृष्ण, रामसीता, हनुमान, श्याम बाबा की मनमोहक झांकिया सजाई गई. वहीं भजनों के माध्यम से फाग उत्सव में खूब रंग जमाया गया. बीच बीच में भजन गायकों और उपस्थित लोगों पर फूलों की वर्षा भी की गई.

विदेशी पर्यटकों की कमी खली- होली तक वराह घाट चौक पर रोज देर शाम सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे. फाग के हर्षोउल्लास के बीच कमी विदेशी पर्यटकों की खल रही थी. उम्मीद की जा रही है कि 10 मार्च से इजरायली पर्यटकों का पुष्कर आना शुरू हो जाएगा. फाग उत्सव के आयोजक आशुतोष शर्मा बताते हैं कि इस बार फाग उत्सव को होली दहन तक रखा गया है. 12 मार्च से 17 मार्च तक वराह घाट चौक पर पारंपरिक गैर नृत्य के आयोजन भी प्रतिदिन होंगे.

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17 मार्च को होलिका दहन तक चलने वाले फागोत्सव में पुष्कर के उभरते कलाकारों के अलावा राजस्थान के विभिन्न जिलों के कलाकार भी अपनी प्रस्तुति देंगे. इन आयोजनों में पुष्कर की अध्यात्म छवि के साथ लोक संस्कृति के भी लोगों को दर्शन होंगे. इन फाग उत्सव के आयोजनों को पुष्कर की अलग अलग संस्थाएं करवा रही हैं. एक अन्य संस्था के आयोजक सुरेंद्र राजोरिया बताते हैं कि कोरोना काल से पहले तक हर वर्ष फाग उत्सव का आयोजन किया जाता रहा है.

इस बार भी फाग उत्सव का आयोजन शुरू हुआ है. राजोरिया ने बताया कि 7 से 11 मार्च तक होने वाले कार्यक्रमों में जयपुर उदयपुर जैसलमेर के कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे. वही 12 मार्च से पुष्कर के वराह घाट चौक पर 40 वर्षों से हर वर्ष किया जा रहा पारंपरिक गैर नृत्य भी होगा.

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