नई दिल्ली :आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर मोदी सरकार जहां इसे अमृत महोत्सव के रूप में मनाने का आवाह्न कर कई तरह के कार्यक्रम आयोजित कर रही है, वहीं दूसरी तरफ कार्यक्रमों की होड़ में आम लोगों से जुड़े मूल मुद्दों को नजरअंदाज करने का आरोप विपक्षी पार्टियां सरकार पर लगा रही हैं. इसी क्रम में आरएसएस भी विपक्ष के निशाने पर आ गई है. अमृत महोत्सव की कड़ी में ही प्रधानमंत्री मोदी ने देश से 'हर घर तिरंगा' का आवाह्न किया था और आज सुबह उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने दिल्ली के लाल किले से तिरंगा बाइक रैली को हरी झंडी दिखाई. यह तिरंगा बाइक रैली इंडिया गेट तक पहुंची जिसमें बड़ी संख्या में भाजपा के सांसद और मंत्रियों ने हिस्सा लिया.
बताया जा रहा है कि यह एक सरकार के द्वारा आयोजित कार्यक्रम था जिसके लिए सभी विपक्षी पार्टियों के सांसदों को भी आमंत्रित किया गया था. लेकिन देश की आजादी के 75 वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम से भी विपक्ष ने किनारा कर लिया. हालांकि इसके जवाब में विपक्षी पार्टी के सांसदों की अपनी दलील दी. कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने इसे एक राजनीतिक कार्यक्रम बताया और कहा कि बीजेपी के राजनीतिक कार्यक्रम में हिस्सा क्यों लें.
वहीं बसपा के सांसद दानिश अली ने भाजपा की तिरंगा यात्रा की आलोचना सदन में किसी अन्य विषय पर चर्चा के दौरान ही कर दी. दानिश अली ने 'हर घर तिरंगा' और तिरंगा बाइक रैली पर कहा कि जिस आरएसएस से भाजपा की उत्पत्ति हुई उस संगठन ने 52 साल तक अपने नागपुर स्थित मुख्यालय पर कभी तिरंगा नहीं फहराया और आज उनकी सरकार लोगों ने घर-घर तिरंगा फहराने और रैली में आने की बात कर रही है.