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Har Ghar Tiranga.. जम्मू कश्मीर में लहराएंगे मुजफ्फरपुर में तैयार किए गए तिरंगे झंडे

देश को आजाद हुए इस 15 अगस्त को 75 साल हो जाएंगे. PM Narendra Modi के नेतृत्व में पूरे देश में Independence Day की 75वीं वर्षगांठ को अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जाएगा. इस साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कश्मीर की वादियों में बिहार के मुजफ्फरपुर में तैयार किया गया तिरंगा लहराया जाएगा. पढ़ें पूरी खबर..

Har Ghar Tiranga Etv Bharat
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Published : Aug 12, 2022, 8:32 PM IST

मुजफ्फरपुर:मुजफ्फरपुर: देश को आजाद हुए इस 15 अगस्त को 75 साल हो जाएंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरे देश में स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ को अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है. इस साल 15 अगस्त के मौके पर कश्मीर की वादियों में बिहार के मुजफ्फरपुर से बना हुआ तिरंगा लहराया (Tricolor Made Of Muzaffarpur In Jammu Kashmir) जाएगा. दरअसल, खादी ग्रामोद्योग संघ (Khadi gram udyog in Muzaffarpur) ने 7500 तिरंगे झंडे को जम्मू कश्मीर भेजा गया है. स्वतंत्रता दिवस पर पूरे जम्मू, श्रीनगर, अनंतनाग, पुलवामा, सांबा, पहलगाम सहित कश्मीर की तमाम वादियों में यहां के बने तिरंगे फहराएंगे.

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जम्मू कश्मीर में लहराएंगे मुजफ्फरपुर में बने तिरंगे : खादी ग्रामोद्योग संघ को 7500 तिरंगे झंडे का ऑर्डर दिया गया था. जिसे तैयार करने के बाद कूरियर कश्मीर डिस्पैच कर दिया गया है. यह तिरंगा मुजफ्फरपुर के खादी ग्रामोद्योग के कारीगरों द्वारा तैयार किया गया हैं. बिहार के मुजफ्फरपुर में दो आकार के तिरंगे झंडे बनाए गए हैं. एक खादी के कपड़े से तैयार किया गया है, जो एक से दो फीट चौड़ा और तीन फीट लंबा है. दूसरा, तीन फीट चौड़ा और साढ़े चार फीट लंबे तिरंगे का निर्माण भी किया गया है.

खादी ग्रामोद्योग संघ को हर घर तिरंगा अभियान के तहत काफी ऑर्डर मिल रहे हैं. झंडे को तैयार करने में 100 कारीगर सिलाई और चक्र की छपाई में दिन रात जुटे हुए हैं. इसमें एक तिरंगे की कीमत 2900 रुपये है. हालांकि, तिरंगे में स्थानीय बाजार की भी चुनौती मिलती है. खादी के छोटे माप के तिरंगे की कीमत करीब 400 रुपये है, जबकि बाजार में साधारण कपड़े का तिरंगा महज 100 रुपये में मिल जाता है.

खादी ग्रामोद्योग को ही तिरंगा बनाने का ऑर्डर क्यों? : वहीं, मुजफ्फरपुर के जिला खादी ग्रामोद्योग संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार ने कहा कि जम्मू कश्मीर का खादी संघ उद्योग से पुराना रिश्ता रहा है. इससे पहले भी सूती कपड़ों के ऑर्डर आते रहते थे. हालांकि यह पहली बार है जब तिरंगे झंडे का ऑर्डर आया. वीरेंद्र कुमार ने कहा कि जम्मू कश्मीर सर्द होने के कारण वहां पर वुलेन कपड़ों का कारोबार ज्यादा चलता है. वहीं मुजफ्फरपुर में सूती कपड़ों का उपयोग होता है. इसलिए यहां की खादी ग्रामोद्योग को तिरंगे झंडे बनाने का ऑर्डर दिया गया था. खादी ग्रामोद्योग के कर्मचारी का कहना है कि जम्मू कश्मीर का ऑर्डर पूरा कर दिया गया है. साथ ही असम और नागालैंड में भी मुजफ्फरपुर के बने तिरंगे झंडे को भेजा गया है.

"7500 जम्मू कश्मीर में, असम में 2500 और नागालैंड में 3500 तिरंगा झंडा भेजा गया है. सिर्फ मुजफ्फरपुर में साढ़े सात हजार से ज्यादा झंडा बिक चुका है. अभी भी हमें ऑर्डर मिल रहे हैं. दस हजार ऑर्डर अब भी हमारे पास है."- राजन कुमार, कर्मचारी, खादी ग्रामोद्योग

अब तक 10,000 तिरंगा तैयार करने का ऑर्डर :झंडे की डिमांड आने के बाद मुजफ्फरपुर खादी ग्रामोद्योग संघ ने समय से तैयार करके कूरियर के माध्यम से भेज दिया है. जो वहां प्राप्त भी कर लिया गया. ऐसे में कहा जा सकता है कि देश में चल रहे हर घर तिरंगा अभियान के माध्यम से स्वतंत्रता दिवस पर बिहार के मुजफ्फरपुर का खादी का बना हुआ तिरंगा देश के सरहद पर भी फहराया जाएगा.

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