नई दिल्ली: वर्ष 2019 में कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद, देब बर्मन ने अलग तिपरालैंड बनाने के उद्देश्य से तिपरा मोथा का गठन किया. नई दिल्ली में ईटीवी भारत को दिए एक विशेष साक्षात्कार में देब बर्मन ने कहा, 'हम पिछले 70 वर्षों से त्रिपुरा में पीड़ित अन्य समुदायों के साथ-साथ स्वदेशी लोगों की संवैधानिक सुरक्षा की मांग करते हैं.
तिपरा मोथा ने पिछले साल अप्रैल में त्रिपुरा ट्राइबल एरियाज ऑटोनॉमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल (TTADC) का चुनाव जीता था और बीजेपी- इंडिजिनियस पीपल फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (IPFT) को सत्ता से बाहर कर दिया था. TTADC चुनाव में, तिपारा माथा ने 18 सीटें जीतीं, भाजपा ने नौ सीटें हासिल कीं और एक सीट निर्दलीय के खाते में गई. 30 सदस्यीय टीटीएडीसी में सदस्यों द्वारा दो को मनोनीत किया जाता है. 60 सदस्यीय विधानसभा में, राज्य में TTADC में एसटी के लिए 20 आरक्षित सीटें हैं.
60 सदस्यीय विधानसभा में, राज्य में टीटीएडीसी में एसटी के लिए 20 आरक्षित सीटें हैं. देब ने कहा, 'सभी प्रमुख राष्ट्रीय दलों का कहना है कि तिपरालैंड की कोई आवश्यकता नहीं है. लेकिन, हम कहते हैं कि तिपरालैंड की आवश्यकता है. हमारी मांग के अनुसार हमने टीटीएडीसी चुनाव जीता है और भाजपा-सीपीएम-कांग्रेस सभी हार गए हैं. भाजपा ने 2018 में वाम मोर्चे को सत्ता से हटाने के बाद त्रिपुरा में सरकार बनाई.