अगरतला : त्रिपुरा में टिपरा मोथा के अध्यक्ष प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा ने राजनीति से संन्यास लेने का फैसला किया है. मंगलवार को उन्होंने घोषणा की कि वह अब समाज को कुछ देना चाहते हैं, इसलिए राजनीति का मार्ग त्याग रहे हैं. उन्हें त्रिपुरा का 'राजा' कहा जाता है.
पीके माणिक्य देबबर्मा त्रिपुरा के 185वें किंग कीर्ति बिक्रम किशोर देबबर्मा के बेटे हैं. उन्होंने शिलांग से पढ़ाई पूरी की है. जब राज्य में किंगडम व्यवस्था का पटाक्षेप हो गया, तो देबबर्मा राजनीति में चले आए. शुरुआत में वह कांग्रेस पार्टी से जुड़े. वह सांसद भी बने. उनकी पत्नी भी कांग्रेस से विधायक बनीं.
कांग्रेस पार्टी ने प्रद्योत को त्रिपुरा कांग्रेस का अध्यक्ष भी नियुक्त किया. स्थानीय लोग उन्हें 'महाराजा' साहेब के नाम से जानते हैं. वह आदिवासी समाज के बीच बहुत अधिक लोकप्रिय रहे हैं. उनकी इसी लोकप्रियता की वजह से दूसरी पार्टियां भी उनका सम्मान करती हैं. उनकी एक अपील पर आदिवासी समाज पूरी तरह से उनके साथ खड़ा होता रहा है. आम तौर पर उनका राजनीतिक विरोध नहीं होता था.
2019 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ने का ऐलान कर दिया. उसके बाद उन्होंने टिपरा मोथा के नाम से अपना संगठन बनाया. उस समय प्रद्योत ने घोषणा की थी कि यह लोगों को उनका हक दिलाने का काम करेगा, इसका किसी भी राजनीतिक दल से कोई लेना-देना नहीं होगा. लेकिन 2021 में उनकी पार्टी स्थानीय चुनाव में खड़ी हो गई. चुनाव में उन्हें आधी से ज्यादा सीटें भी मिलीं. उसके बाद वह अपने संगठन से बहुत अधिक उम्मीदें करने लगे.