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Published : Oct 24, 2021, 3:49 PM IST

Updated : Oct 24, 2021, 4:10 PM IST

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युवाओं के विकास से आतंकी मंसूबे होंगे पस्त, अब यहां नहीं चलेगी तीन परिवारों की 'दादागिरी' : शाह

जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने व इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित होने के बाद पहली दौरे पर आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि युवा विकास से जुड़ेंगे तो आतंकियों के नापाक मंसूबे ध्वस्त हो जाएंगे. उन्होंने सुरक्षा का सवाल उठाने वाले विपक्ष को भी आंकड़ों से जवाब दिया और कहा कि जम्मू कश्मीर में अब तीन परिवारों की 'दादागिरी' नहीं चलेगी. गृह मंत्री ने और क्या कहा, पढ़ें पूरी रिपोर्ट.

Amit Shah
Amit Shah

जम्मू : जम्मू में एक रैली को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू के लोगों को नजरअंदाज करने का वक्त अब समाप्त हो गया है. जम्मू और कश्मीर, दोनों का विकास अब साथ-साथ होगा. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के विकास में कोई भी रोड़े नहीं अटका पाएगा.

जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद पहली बार यहां के दौरे पर आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अगर युवा जम्मू-कश्मीर के विकास में शामिल होंगे, तो आतंकवादी अपने नापाक मंसूबों में विफल हो जाएंगे.

नहीं चलेगी दादागिरी

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इन तीन परिवारों ने 70 साल तक जम्मू-कश्मीर को क्या दिया. 87 विधायक, 6 सांसद. 30000 लोगों को निर्वाचित प्रतिनिधि बनाने का काम मोदी जी ने किया है. हर गांव में एक पंचायत बनाई गई है. अब इन तीन परिवारों की दादागिरी नहीं चलेगी.

51 हजार करोड़ का निवेश

शाह ने कहा कि अगर युवा जम्मू कश्मीर के विकास में शामिल होंगे तो आतंकवादी अपने नापाक मंसूबों में विफल हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में अब तक 12 हजार करोड़ रुपये का निवेश आ चुका है और हमारा लक्ष्य 2022 के अंत तक इसे 51 हजार करोड़ रुपये करने का है.

अमित शाह ने कहा कि जब हमने नई औद्योगिक नीति पेश की तो आपका शोषण करने वाले 3 परिवार मजाक उड़ाते थे कि यहां कौन आएगा. लेकिन पीएम मोदी के कारनामे से अब तक 12000 करोड़ रुपये का निवेश आया है. बताना चाहता हूं कि 2022 से पहले 51000 करोड़ रुपये का निवेश आएगा. लाखों युवाओं को रोजगार दे रहे हैं.

आंकड़ों से दिया जवाब

गृह मंत्री ने कहा कि कुछ लोग सुरक्षा को लेकर सवाल उठा रहे हैं. 2004-14 के बीच 2081 लोगों ने अपनी जान गंवाई. प्रति वर्ष 208 लोग मारे गए. 2014 से सितंबर 2021 तक 239 लोगों ने अपनी जान गंवाई. हम संतुष्ट नहीं हैं. हम ऐसी स्थिति बनाना चाहते हैं जहां किसी की जान न जाए और आतंकवाद पूरी तरह से समाप्त हो जाए.

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शाह ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि कोई भी नागरिक हिंसा में न मारा जाए और जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद का सफाया हो. इससे पहले अधिकारियों ने बताया कि कड़ी सुरक्षा के बीच शाह रविवार को यहां पहुंचे और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जम्मू के नये परिसर का उद्घाटन किया.

Last Updated : Oct 24, 2021, 4:10 PM IST

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