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कृषि कानूनों को 26 नवंबर तक करें रद्द, वरना तेज होगा प्रदर्शन: टिकैत - farmers agitation

BKU के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने ट्वीट किया कि केंद्र सरकार के पास 26 नवंबर तक का समय है. उसके बाद 27 नवंबर से किसान गांवों से ट्रैक्टरों से दिल्ली के चारों तरफ आंदोलन स्थलों पर बॉर्डर पर पहुंचेंगे और पक्की किलेबंदी के साथ आंदोलन को मजबूत करेंगे.

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Published : Nov 1, 2021, 1:47 PM IST

Updated : Nov 1, 2021, 2:04 PM IST

गाजियाबाद : भारतीय किसान यूनियन (BKU) नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने सोमवार को कहा कि केंद्र के पास विवादित कृषि कानूनों (Farm Laws) को निरस्त करने के लिए 26 नवंबर तक का वक्त है. इसके बाद दिल्ली की सीमाओं पर किए जा रहे विरोध प्रदर्शन को तेज किया जाएगा.

केंद्र के तीन कृषि कानूनों (three farm laws) के विरोध में किसान दिल्ली के सिंघू, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसे 26 नवंबर को एक साल पूरा हो जाएगा. इन प्रदर्शनों की अगुवाई संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) कर रहा है जिसमें किसानों के कई संघ शामिल हैं. BKU भी SKM में शामिल है और उसके समर्थक दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर गाजीपुर में धरना दे रहे हैं.

BKU के राष्ट्रीय प्रवक्ता टिकैत ने ट्वीट किया कि केंद्र सरकार के पास 26 नवंबर तक का समय है. उसके बाद 27 नवंबर से किसान गांवों से ट्रैक्टरों से दिल्ली के चारों तरफ आंदोलन स्थलों पर बॉर्डर पर पहुंचेंगे और पक्की किलेबंदी के साथ आंदोलन और आंदोलन स्थल को मजबूत करेंगे.

पढ़ें :बैरिकेड हटाने के बाद भी नहीं खुली सड़क, संयुक्त किसान मोर्चा के बदले सुर

किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार तीन कृषि कानूनों- कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम 2020, कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम 2020 तथा आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम 2020 को रद्द करे और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price-MSP) की गारंटी देने के लिए कानून बनाए.

केंद्र और किसानों के बीच 11 दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन कोई हल नहीं निकला है. केंद्र सरकार का कहना है कि ये कानून किसानों के हित में हैं जबकि प्रदर्शनकारियों का दावा है कि ये कानून उन्हें उद्योगपतियों के रहमोकरम पर छोड़ देंगे.

Last Updated : Nov 1, 2021, 2:04 PM IST

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