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पीएम के संबोधन के बाद टिकैत का बयान, किसानों के साथ खड़ी है आम जनता - tikait statement after pm modi address

प्रधानमंत्री के राज्यसभा के संबोधन के बाद भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने प्रेसवार्ता की और पीएम की बातों पर अपना पक्ष रखा. पढ़ें विस्तार से...

टिकैत का बयान
टिकैत का बयान

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Published : Feb 8, 2021, 1:48 PM IST

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री के राज्यसभा में संबोधन के बाद गाजीपुर बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने प्रेसवार्ता की. प्रधानमंत्री ने राज्यसभा में कहा था कि एमएसपी था, एमएसपी है और रहेगा. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए टिकैत ने कहा किसानों को उलझाया जा रहा है. हमने कभी नहीं कहा एमएसपी खत्म हो रहा है.

किसानों के साथ खड़ी है आम जनता

हमारी मांग है कि एमएसपी पर कानून बने. एमएसपी पर कानून बन जाएगा, तो देश के किसानों को फायदा होगा. एमएसपी पर कानून नहीं है ऐसे में व्यापारी किसानों को लूट रहे हैं.

पीएम मोदी के बातों का दिया जवाब

पीएम मोदी ने कहा कि चुनौतियां तो हैं, लेकिन हमें तय करना है कि हम समस्या का हिस्सा बनना चाहते हैं या समाधान का माध्यम. टिकैत ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा अगर केंद्र तीनों कृषि कानूनों को वापिस ले लो, तो समस्या ही खत्म हो जाएगी.

पीएम मोदी ने कहा कि आजकल देश में आंदोलनजीवी नाम की एक नई बिरादरी पैदा हुई है, इसपर टिकैत बोले प्रधानमंत्री ने ठीक कहा है. किसान बिरादरी आंदोलन कर रही है और इस बिरादरी के साथ में आम जनता भी खड़ी है.

पढ़ेंः-राज्य सभा में बोले पीएम, किसान आंदोलन क्यों हो रहा किसी ने नहीं बताया

टिकैत बोले किसानों की समस्याओं का समाधान निकालने के लिए अगर सरकार किसानों से बातचीत करना चाहती है, तो किसान संयुक्त एकता मोर्चा सरकार से वार्ता करने के लिए तैयार है. हम सरकार से वार्ता करना चाहते हैं.

पीएम मोदी ने राज्यसभा में कहा

राज्यसभा में पीएम मोदी ने कहा कि सदन में किसान आंदोलन की भरपूर चर्चा हुई है. ज्यादा से ज्यादा समय, जो बात बताई गईं वो आंदोलन के संबंध में बताई गई, किस बात को लेकर आंदोलन है उस पर सब मौन रहे, जो मूलभूत बात है, अच्छा होता कि उस पर भी चर्चा होती कि खेती की मूलभूत समस्या क्या है, उसकी जड़ कहां है? मैं आज पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण की बात बताना चाहता हूं. वो छोटे किसानों की दयनीय स्थिति पर हमेशा चिंता करते थे.

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