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Pak Spies Caught: राजस्थान में पकड़े गए तीन पाक जासूस, पड़ोसी देश की खुफिया एजेंसी को भेजते थे जरूरी सूचनाएं

पाक की खुफिया एजेंसियों को सामरिक महत्व की जरूरी सूचनाएं भेजने वाले तीन पाकिस्तानी जासूस को इंटेलीजेंस की ओर से चलाए गए अभियान ऑपरेशन सरहद के तहत पकड़ लिया गया है. तीनों से पूछताछ की जा रही है.

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राजस्थान में पकड़े गए तीन पाक जासूस.

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Published : Jul 2, 2022, 11:16 PM IST

चूरू. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी अब स्थानीय एजेंट बनाकर देश की सुरक्षा में सेंध लगा रही है. जिले में ऐसा ही एक मामला सामने आया है. रतनगढ़ चूरू में रहने वाला बाड़मेर का व्यक्ति पाकिस्तानी खुफिया एजेन्सी को सामरिक महत्व की जरूरी सूचनाएं भेज रहा था. इंटेलीजेंस की ओर से चलाए गए अभियान ऑपरेशन सरहद में गंगानगर, हनुमानगढ़ और चूरू जिले में कुल 23 संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ की गई. इस दौरान पता चला कि चूरू, गंगानगर और हनुमानगढ़ के तीन व्यक्ति पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के लगातार सम्पर्क में थे और ये तीनों सोशल मीडिया के माध्यम से सामरिक महत्व की संवेदनशील सूचनाएं पाक एजेंसी को उपलब्ध करवा रहे थे. इसके बदले में पाकिस्तानी हैण्डलर से ये धनराशि भी प्राप्त कर रहे थे.

महानिदेशक पुलिस (इन्टेलीजेंस) उमेश मिश्रा ने बताया कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों की ओर से भारतीय नागरिकों एवं सामरिक महत्व के महत्वपूर्ण संस्थानों में कार्यरत व्यक्तियों को स्थानीय एजेन्ट बनाकर उनसे सोशल मीडिया के माध्यम से सम्पर्क कर देश की सुरक्षा में सेंध लगाने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि राज्य विशेष शाखा की ओर से पाकिस्तानी खुफिया एजेन्सियों की ऐसी गतिविधियों पर सतत् निगरानी रखी जाती है. इस प्रकार की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष निगरानी के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं.

चलाया ऑपरेशन सरहद अभियान
महानिदेशक पुलिस (इन्टेलीजेंस) ने बताया कि पूर्व में 21 से 24 दिसम्बर तक जिला श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ में, एक से चार मार्च 2022 तक जोधपुर, बाड़मेर व जैसलमेर में ऑपरेशन सरहद चलाया गया था. वहीं 25 से 28 जून 2022 तक जिला श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ एवं चूरू में ऑपरेशन सरहद चलाया गया. इस ऑपरेशन के तहत राज्य विशेष शाखा जयपुर की विशेष टीम एवं सीआईडी श्रीगंगानगर की ओर से जिला श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ व चूरू के कुल 23 संदिग्ध व्यक्तियों से संयुक्त पूछताछ की गई.

पूछताछ के दौरान पाया गया कि इनमें से तीन व्यक्ति अब्दुल सत्तार निवासी हनुमानगढ़, नितिन यादव निवासी श्रीगंगानगर और रामसिंह निवासी बाड़मेर जो कि हाल में रतनगढ़, चूरू में रह रहा है, पाकिस्तानी खुफिया ऐजेन्सी के साथ सोशल मीडिया के माध्यम से सम्पर्क में था. ये तीनों पाकिस्तानी खुफिया ऐजेन्सियों को सामरिक महत्व की संवेदनशील सूचनाएं उपलब्ध करवा रहे थे. इस काम के बदले पाकिस्तानी हैण्डलर से वे धनराशि भी प्राप्त कर रहे थे.

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नियमित कर रहे थे पाकिस्तान की यात्रा
पूछताछ में यह भी सामने आया कि अब्दुल सत्तार निवासी हनुमानगढ वर्ष 2010 से नियमित रूप से पाकिस्तान की यात्रा कर रहा है और पाक खुफिया एजेन्सी के स्थानीय एजेंट के रूप में भी कार्यरत है. पूछताछ में उसने स्वीकार किया है कि इससे पाक यात्रा के दौरान वह पाक गुप्तचर एजेन्सियों से सम्पर्क कर भारत की सामरिक महत्व की सूचनाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रेरित किया गया. भारत आने के बाद यह लगातार पाकिस्तानी हैंडलर के सम्पर्क में था. उसने सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों की फोटो साझा की जा रही थी.

हनीट्रेप में फंसा, भेजी सूचनाएं
सूरतगढ़ चूरू निवासी नितिन यादव छावनी क्षेत्र में फल, सब्जी आदि की सप्लाई का कार्य करता है. इसका प्रतिबन्धित क्षेत्रों में निरन्तर आना-जाना रहता है तथा पूछताछ में में यादव ने पाकिस्तानी महिला एजेंट के हनीट्रैप में फंस कर सामरिक महत्व की सूचनाएं साझा किया जाना व धनराशि प्राप्त किए जाने की बात स्वीकार की है.

फोटो व वीडियो किए साझा:रामसिंह निवासी बाड़मेर जो वर्तमान में रतनगढ़ स्थित विकास ट्रेडर्स नाम की एक फैक्ट्री में कार्य कर रहा है, जो निरन्तर पाकिस्तानी खुफिया या एजेन्सी के सम्पर्क में था. पूछताछ में अन्तरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित बॉर्डर आउट पोस्ट एवं सीमावर्ती क्षेत्र की सामरिक महत्व की जानकारी फोटो, वीडियो आदि पाकिस्तानी खुफिया ऐजेंसी से साझा कर धनराशि प्राप्त किए जाने की बात स्वीकार की है.

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