बैंगलुरु: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने बुधवार को कहा कि इसरो ने अगले तीन महीनों में तीन प्रमुख रॉकेट प्रक्षेपित करने की योजना बनाई है. उन्होंने बताया कि इन रॉकेट में छोटे उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी), प्रक्षेपण यान मार्क-3 (एलवीएम-3) और ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) शामिल हैं. सोमनाथ यहां अंतरिक्ष स्थिति जागरूकता एवं अंतरिक्ष यातायात प्रबंधन विषय पर तीन दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि जनवरी और फरवरी के अंत तक, हम एसएसएलवी के प्रक्षेपण की योजना बना रहे हैं. उसके बाद अगला मिशन एलवीएम-3 होगा. उसके बाद पीएसएलवी वाणिज्यिक उद्देश्य के लिए फिर प्रक्षेपित होगा. यह अगले तीन महीनों के लिए तत्काल लक्ष्य है. सोमनाथ ने एक सवाल के जवाब में कहा कि गगनयान का उड़ान परीक्षण अप्रैल या मई महीने में किया जा सकता है. गगनयान चालक दल के साथ अंतरिक्ष भेजने से जुड़ा भारत का महत्वाकांक्षी मिशन है.
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि स्पेस सिचुएशनल अवेयरनेस (SSA) और स्पेस ट्रैफिक मैनेजमेंट (STM) के विशेष क्षेत्र में भारत में रुचि बढ़ी है. हम भारत में नागरिक और सुरक्षा संबंधी पहलुओं दोनों में क्षमता विकसित करना चाहते हैं. हम जो हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं वह भारत में अवलोकन प्लेटफॉर्म बनाने की तकनीकी क्षमता के साथ ही भविष्यवाणी करने की क्षमता को बढ़ाना है. उन्होंने कहा कि जब तक हम वैश्विक अंतरिक्ष स्थिति जागरूकता में योगदान को लेकर मजबूत नहीं होंगे, तब तक कोई पारस्परिक सम्मान नहीं होगा.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ कार्यशाला के दौरान पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र की फर्मों के प्रतिनिधियों और दुनिया के विभिन्न हिस्सों के विशेषज्ञों ने बड़ी संख्या में कार्यशाला में भाग लिया. सोमनाथ के अनुसार, लक्ष्य आपसी सम्मान हासिल करना है. जिससे भारत और अन्य देशों के बीच पारस्परिक डेटा और सूचना का आदान-प्रदान हो सके. उन्होंने कहा कि इससे भारत की अंतरिक्ष संपत्ति की सुरक्षा मजबूत होगी. साथ ही इस प्रयास से भारत अंतरराष्ट्रीय समुदाय में तकनीकी रूप से मजबूत होगा.