सूरत : गुजरात के सूरत के कतारग्राम में रेवंत रिवर बिल्डिंग के निवासी परेश जयंतीभाई संघानी और नैंसी संघानी अपनी साढ़े तीन साल की बेटी सरिशा के साथ रहते हैं. सरिशा का जन्म 10 अक्टूबर 2019 को हुआ था. वैसे तो हर मां-बाप के लिए बच्चे मां-बाप का आशीर्वाद होते हैं. लेकिन जब संघानी दंपति अपनी बच्ची सरिशा को भगवान का आशीर्वाद बताते हैं तो इसके पीछे एक अलग और आश्चर्यचकित करने वाला कारण है.
गुजरात में यूं तो कारोबारी देश-विदेश जाते हैं. लेकिन अंग्रेजी अभी भी उनके लिए एक चुनौती से भरी भाषा है. ऐसे में संघानी दंपति की बच्ची सरिशा वास्तव में एक तरह से भगवान का आशीर्वाद ही है. सरिशा शुरुआत से ही सिर्फ अंग्रेजी में बात करती थी. 8वीं पास परेश ने बताया कि उनके परिवार में कोई भी कभी विदेश नहीं गया. किसी को भी अच्छी अंग्रेजी नहीं आती. उनकी पत्नी नैंसी संघानी भी सिर्फ 12वीं तक पढ़ी हैं. उनको भी कोई खास अंग्रेजी नहीं आती. लेकिन सरिशा बोलना शुरू करने के समय से ही सिर्फ अंग्रेजी में बात कर रही है.
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29 वर्षीय परेश ने बताया कि वे लोग मूल रूप से सौराष्ट्र के अमरेली जिले के धारी तालुका के अमृतपुर गांव के रहने वाले हैं. सूरत में वह एक जोहरी के रूप में काम करते हैं. उन्होंने बताया कि सरिशा उनके लिए भगवान के आशीर्वाद की तरह है. उन्होंने कहा कि इतनी कम उम्र में भी सरिशा इतनी अच्छी अंग्रेजी बोल रही है. जोकि उनके परिवार में किसी को नहीं आती. परेश ने बताया कि उन्हें उसके पड़ोसियों ने कहा कि उसकी बेटी USA या फ्रांस में बोली जाने वाली अंग्रेजी बोलती है.