बेंगलुरु :कर्नाटकउच्च न्यायालय ने आज एक ऐसे मामले की सुनवाई की, जिसमें 72 वर्षीय व्यक्ति ने एक पत्र लिखकर न्यायाधीशों को जान से मारने की धमकी दी. अदालत ने बूढ़े व्यक्ति की उम्र और स्वास्थ्य पर विचार करके आगे बढ़ने से पहले कानूनी सलाह लेने को कहा.
72 वर्षीय जे पी नगर निवासी एस वी श्रीनिवास राव ने पत्र लिखकर दो जजों और कुछ वकीलों को मारने की धमकी दी. इस पर उच्च न्यायालय ने श्रीनिवास राव के खिलाफ एक स्वैच्छिक आपराधिक न्यायिक दुर्व्यवहार की शिकायत दर्ज की.
याचिका की सुनवाई करते हुए आज मुख्य न्यायाधीश ए एस ओका की अध्यक्षता में सुनवाई हुई. इस दौरान श्रीनिवास राव वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुनवाई में उपस्थित हुए और अदालत ने राव द्वारा याचिका पर उठाई गई आपत्ति पर नाराजगी व्यक्त की.
अपनी आपत्ति में श्रीनिवास राव ने जजों के खिलाफ आरोप लगाए. कोर्ट ने उनके बयानों पर सवाल उठाए. श्रीनिवास राव ने कहा कि वह अपने आरोप का बचाव करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने यह भी कहा कि अगर वह गलत साबित होते हैं, तो कोई सजा भुगतने को तैयार हैं.
कोर्ट ने कहा कि क्योंकि आप बूढ़ें हैं और आपको स्वास्थ्य समस्याएं हैं, इसलिए हम आपको एक आखिरी मौका दे रहे हैं. मामले पर कानूनी सलाह लें. यदि आप अपनी आपत्ति को सही ठहरा सकते हैं, तो आपको मामले को तार्किक निष्कर्ष पर ले जाना होगा.