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श्रीशैलम बांध की सुरक्षा को खतरा, समिति ने रिपोर्ट में ये दिए सुझाव - Srisailam Dam

आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की जीवनरेखा कहे जाने वाले श्रीशैलम बांध (Srisailam Dam) को खतरा है. ये बात पंड्या समिति ने अपनी रिपोर्ट में कही है. समिति ने बाढ़ के पानी को श्रीशैलम जलाशय की ओर मोड़ने के विकल्पों पर ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया है. जानिए और क्या सुझाव दिए.

Threat to the safety of Srisailam Dam
श्रीशैलम बांध की सुरक्षा को खतरा

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Published : Apr 21, 2022, 5:48 PM IST

अमरावती :कृष्णा नदी पर बने श्रीशैलम बांध को खतरा है. ये चेतावनी विशेषज्ञों की एक समिति ने दी है. समिति ने कहा है कि बाढ़ के पानी को श्रीशैलम जलाशय की ओर मोड़ने के विकल्पों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए, अन्यथा बांध की सुरक्षा को खतरा है. एक और नए स्पिलवे का निर्माण करना चाहिए या बांध की ऊंचाई बढ़ानी चाहिए. समिति ने पानी को दाएं और बाएं से मोड़ने की व्यवस्था करने का सुझाव दिया है. समिति ने बांध की मरम्मत का सुझाव दिया है.

श्रीशैलम बांध की सुरक्षा को लेकर वर्षों से कई समितियां गठित की गईं. हालांकि इनकी सिफारिशों को लागू नहीं किया गया है. समिति का गठन फरवरी 2020 में केंद्रीय जल बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष एबी पांड्या की अध्यक्षता में किया गया था. सीडब्ल्यूसी ने 2021 में श्रीशैलम बाढ़ प्रवाह के अध्ययन पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत की. वहीं, पंड्या समिति ने हाल ही में पिछली समितियों की सिफारिशों, सीडब्ल्यूसी की समीक्षा के निष्कर्षों के आधार पर अंतिम रिपोर्ट दी है.

इस बांध को लेकर 2006 में किए गए अध्ययन में सामने आया था कि इसकी क्षमता 26.5 लाख क्यूसेक है. मौजूदा स्पिलवे क्षमता 13.20 लाख क्यूसेक है. अधिकतम जल स्तर 890 फीट मानी गई है. हालांकि 2009 में 25.5 लाख क्यूसेक बाढ़ आई थी. हालांकि 2021 में अध्ययन करने वाले केंद्रीय जल आयोग ने इस बारे में कुछ नहीं कहा. पंड्या समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा 'हमारे अध्ययन के अनुसार सर्वाधिक बाढ़ 17.88 लाख क्यूसेक थी. सीडब्ल्यूसी ने पूरे जलग्रहण क्षेत्र का अध्ययन किया है और इसे 256 उप-जलग्रहण क्षेत्रों में विभाजित किया है.'

समिति ने सिफारिश की है कि बांध सुरक्षा के उपाय शुरू करने से पहले पीएमएफ की फिर से जांच की जाए. मुख्य स्पिलवे गेट से पानी के रिसाव को रोकने के उपाय किए जाने चाहिए. बांध की ऊंचाई बढ़ाने के लिए सिंकहोल समस्या को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए.

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