आइजोल: मिजोरम सरकार (Mizoram Government) ने म्यांमार के उन नागरिकों (Myanmar refugees in Mizoram) को पहचान पत्र जारी करना शुरू कर दिया है, जिन्होंने पिछले साल फरवरी में पड़ोसी देश में सैन्य तख्तापलट (Coup in Myanmar) होने के बाद पूर्वोत्तर के इस राज्य में शरण ले रखी है. गृह विभाग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि ये पहचान पत्र सिर्फ मिजोरम में वैध होंगे और शरणार्थियों की शीघ्रता से तथा आसानी से पहचान सुनिश्चित करने में मदद करने के अलावा राज्य की मतदाता सूची में उनके नाम शामिल होने से भी रोकेंगे. अधिकारियों ने बताया कि शरणार्थियों के बारे में बुनियादी सूचना देने के अलावा इन पहचान पत्रों में इस बात का भी उल्लेख होगा कि पहचान पत्र धारक ने मानवीय आधार पर मिजोरम में शरण ले रखी है.
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक म्यांमार के कुल 29532 नागरिक अपना घर-बार छोड़ कर पलायन कर गए थे और उन्होंने अपने देश में सैन्य तख्तापलट होने के बाद से मिजोरम के 11 जिलों में शरण ले रखी है. जिला प्रशासन को पहचान पत्र जारी करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. विभिन्न जिलों ने अलग-अलग तारीखों पर यह प्रक्रिया शुरू कर दी है जबकि कुछ जिलों द्वारा यह कार्य शुरू किया जाना बाकी है.
अधिकारी ने बताया कि सेरछीप जिले ने यह कार्य फरवरी में शुरू किया, जबकि हनाहथियाल जिला प्रशासन ने 1110 कार्ड बृहस्पतिवार को बांटे. वहीं, म्यांमार की सीमा से लगे लवंगतलाई जिले ने अब तक 4794 कार्ड जारी किए हैं. आइजोल में शरणार्थियों को पहचान पत्र जारी करने की प्रक्रिया अगले हफ्ते शुरू होगी. यहां के उपायुक्त लालहरीतजुआली रालते ने यह जानकारी दी. मिजोरम के छह जिले म्यांमार के चिन प्रांत से 510 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करते हैं.