नई दिल्ली:भारतीय बैडमिंटन टीम ने रविवार को इतिहास रच दिया. भारत ने थामस कप के फाइनल मुकाबले में 14 बार की चैंपियन टीम इंडोनेशिया को 3-0 से हरा दिया. भारत ने इस टीम को हराते हुए इतिहास रच दिया और पहली बार थामस कप का खिताब अपने नाम किया.
भारत की तरफ से लक्ष्य सेन ने इंडोनेशिया के एंथनी गिनटिंग को 21-8 17-21 16-21 से हराकर टीम को 1-0 की अहम बढ़त दिलाई. इसके बाद डबल्स में भारत की सात्विक और चिराग की जोड़ी ने धमाकेदार खेल दिखाते हुए 18-21, 23-21, 21-19 से जीत हासिल कर टीम को 2-0 की बढ़त दिलाई. फिर तीसरे मैच में के श्रीकांत ने जोनाथन को सीधे गेम में 21-15, 23-21 से हराकर टीम को 3-0 की बढ़त दिलाते हुए ऐतिहासिक जीत दिला दी.
गत चैंपियन इंडोनेशिया का इस टूर्नामेंट में रिकॉर्ड शानदार रहा है और टीम मौजूदा टूर्नामेंट में अब तक अजेय रही है. भारतीय पुरुष टीम ने हालांकि मलेशिया और डेनमार्क जैसी टीम को हराकर पहली बार फाइनल में जगह बनाई है और दिखाया है कि वे किसी भी टीम को हराने की क्षमता रखते हैं. भारत के लिए यह एतिहासिक लम्हा रहा. अपने से बेहतर रैंकिंग वाली टीम के खिलाफ भारतीय खिलाड़ियों में आत्मविश्वास की कोई कमी नहीं दिखी और पिछले दो मैच में पिछड़ने के बावजूद टीम ने मानसिक मजबूती दिखाते हुए जीत दर्ज की.
इंडोनेशिया की टीम ने टूर्नामेंट में अब तक कोई मुकाबला नहीं गंवाया है जबकि भारत को एकमात्र शिकस्त का सामना ग्रुप चरण में चीनी ताइपे के खिलाफ करना पड़ा. इंडोनेशिया ने नॉकआउट चरण में जून और जापान को हराया तो भारत ने पांच बार के पूर्व चैंपियन मलेशिया और 2016 के विजेता डेनमार्क को शिकस्त दी. भारत के स्टार पुरुष खिलाड़ियों किदांबी श्रीकांत और एसएस प्रणय ने जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठाई है और अब तक अपने सभी पांच मुकाबले जीते हैं. सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की पुरुष युगल जोड़ी ने भी प्रभावी प्रदर्शन किया है.
कृष्ण प्रसाद गारगा और विष्णुवर्धन गौड़ पंजाला की युवा जोड़ी कमजोर कड़ी साबित हुई है लेकिन मलेशिया और डेनमार्क के खिलाफ हार के दौरान इन्होंने कड़ी चुनौती पेश की. भारत फाइनल में दूसरी युगल जोड़ी के रूप में एक बार फिर एमआर अर्जुन और ध्रुव कपिला को उतार सकता है. इस जोड़ी ने राउंड रोबिन प्रारूप में दो मुकाबले खेले जिसमें से एक में उन्होंने जीत दर्ज की जबकि दूसरे में उन्हें हार का सामना करना पड़ा.